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NDA छोड़ने के सवाल पर भड़के जीतन राम मांझी: पत्रकारों को अपशब्द बोले, जूतों से पीटने की बात कर इंटरव्यू बीच में छोड़ा

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पटना8 मिनट पहलेलेखक: उत्कर्ष सिंह

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बिहार में जीतन राम मांझी की पार्टी HAM के 4 विधायक नई सरकार में शामिल हैं। मांझी के बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाया गया है। - Dainik Bhaskar

बिहार में जीतन राम मांझी की पार्टी HAM के 4 विधायक नई सरकार में शामिल हैं। मांझी के बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाया गया है।

बिहार में बहार है, बिन मांझी सब बेकार है’ बिहार में नई NDA सरकार बन चुकी है, नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। जिस दौरान NDA के घटक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, यानी HAM के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के सरकारी आवास के बाहर लगे पोस्टर गठबंधन सरकार में उनकी अहमियत पर जोर दे रहे हैं।

मांझी की पार्टी के पास भले ही 4 विधायक हों, लेकिन NDA सरकार में मांझी ही वो ‘कुशन’ हैं, जो नई सरकार को स्थिरता के साथ चलने में मदद करेगी। मांझी की अहमियत NDA और महागठबंधन दोनों समझते हैं, इसीलिए सियासी उठापटक की शुरुआत होते ही पहले केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और फिर BJP प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी जीतन राम मांझी से मिलने उनके घर पहुंचे थे।

इतना ही नहीं, HAM खेमे से ये भी खबर आई कि लालू यादव ने मांझी को मुख्यमंत्री पद के समेत दूसरे तमाम ऑफर देकर महागठबंधन में आने का प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद पार्टी की तरफ से कहा गया कि वो PM मोदी के साथ हैं और रहेंगे।

बिहार में सियासी उठापटक के बीच दैनिक भास्कर ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से एक्सक्लूसिव बात की है। महागठबंधन टूटने के दौरान ये मांझी का किसी भी मीडिया संस्थान को दिया पहला इंटरव्यू है। मांझी ने PM मोदी पर भरोसा जताया और अपने ऊपर उठ रहे सवालों को लेकर मीडिया से नाराज दिखे।

मांझी ने पत्रकारों को अपशब्द कहते हुए जूते से पीटने तक की बात कह दी। पत्रकारों के सवालों पर भड़के मांझी ने इंटरव्यू बीच में ही छोड़ दिया। पढ़िए मांझी ने क्या कहा-

सवाल: सरकार बनाने की प्रक्रिया में ही नित्यानंद राय और सम्राट चौधरी आपको मनाने पहुंच गए थे, क्या बातें हुईं?
जवाब:
कोई मनाने की बात नहीं है, आपस में विचार-विमर्श का मामला था, मनाते क्यों? हम NDA के पार्ट हैं, NDA में भी नरेंद्र मोदी और अमित शाह के काफी करीब हैं। वैसी परिस्थिति में क्या करना चाहिए, कैसे करना चाहिए, मंत्रिमंडल का गठन कैसे होना चाहिए, वे लोग इन सब बातों पर चर्चा के लिए आए थे। इसमें मनाना शब्द कहां से आ गया। हम नहीं समझते हैं ये सब।

सवाल: BJP को कहीं ये डर तो नहीं था कि आप महागठबंधन के साथ चले जाएंगे। ये खबरें भी आईं कि महागठबंधन से आपको CM पद ऑफर किया था?
जवाब:
कोई सवाल ही नहीं, सब मीडिया का किया हुआ है। मुख्यमंत्री भी बना दिया और मुख्यमंत्री से हटा भी दिया। ये सब फालतू बात है, ऐसा कुछ नहीं है। मीडिया वालों का दूसरे पर कीचड़ उछालने का रहा है। मीडिया वाले अपने आप को बहुत बड़ा समझते हैं कि हम लोग ही जो हैं, सो हैं। या ऐसी चट-पट खबरें देकर अपनी TRP बढ़ाना चाहते हैं, तो बढ़ा लें। दूसरे को गाली देकर ऐसा नहीं करना चाहिए। ये तो मेरी इंटेग्रिटी पर अविश्वास हुआ।

सवाल: लेकिन ये खबरें तो आपकी पार्टी की तरफ से ही आईं कि आपको महागठबंधन ने CM पद ऑफर किया था?
जवाब:
कौन कह दिया, कहां से आया कि हमको मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर आया है। कहां से आया ये, बताइए। और जिसने ये छापा है, अगर वो प्रूफ न दे, तो उसे पीटना चाहिए। ये कोई प्रश्न है, हम लोग जहां रहते हैं, एकदम चट्टान की तरह अड़े रहते हैं।

नीतीश जी के भी साथ थे, तो एकदम चट्टान की तरह अड़े थे। उन्होंने खुद हमको बाहर किया। उन्होंने कहा कि आप हमारी पार्टी में मर्ज हो जाइए, जो हमारे लोगों को गंवारा नहीं था। इसलिए हमने कहा कि हम मर्ज नहीं करेंगे। तब उन्होंने कहा कि बाहर जाओ। तो बाहर चले आए।

इसका मतलब क्या नीतीश कुमार जी के साथ मेरा कोई डिसलॉयल्टी का मामला था। कोई हम लोगों का डिफरेंसेज का मामला नहीं था, मामला यही था कि उन्होंने मर्ज करने को कहा और हम क्यों मर्ज करते।

हम जैसे ही वहां (गठबंधन) से निकले, नरेंद्र मोदी ने हमें NDA का पार्ट बना लिया। और जो उन्होंने हमें तरजीह दी, चाहे NDA की मीटिंग में, उसके बाद के डिनर में, वाजपेयी जी के जयंती कार्यक्रम में सब लोगों से ज्यादा प्राथमिकता देकर हमारा नाम लेकर उन्होंने बात की।

बीते चुनाव में वो लोग जहां-जहां गए, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, राजस्थान में मेरा नाम लिया कि निचले तबके के एक नेता हैं, जिन्हें नीतीश कुमार ने उल्टी-सीधी बात बोल दी थी। ये सम्मान छोड़कर कोई जाएगा। वहां पर जो सम्मान का अर्थ जानता ही नहीं है, तो ये कहकर मीडिया वालों ने हमें अपमानित किया है। अगर पहले की बात ऐसी हो, हमको मीडिया पर मुकदमा करना चाहिए।

सवाल: बीतें साल में आपने भी कई बार गठबंधन और पार्टियां बदली हैं?
जवाब:
उसका कारण है। हमने नरेंद्र मोदी को कभी नहीं छोड़ा। नीतीश कुमार को हम महान समाजसेवक समझते थे। 2005 और 2010 के बीच में नीतीश कुमार ने बिहार में जो काम किया, वो काबिलेतारीफ था। हम उसके कायल थे।

इसीलिए हमने कसम खाई थी कि नीतीश जी जब तक आप रहिएगा, आपका साथ नहीं छोडूंगा। नीतीश कुमार ने जब पलटी मारी, तो लाचारी में हम भी महागठबंधन में आ गए। हमने पलटी नहीं मारी थी। हमने कभी पार्टी नहीं बदली। आज भी NDA के साथ हैं।

नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ पूरी ईमानदारी से हैं। अगर इसमें कोई **** करता है, बदमाशी करता है, अगर वो मिला तो ऐसे लोगों को जूतों से मारना चाहिए। जो कहता है कि हमको मुख्यमंत्री का ऑफर मिला था।

किसी की हिम्मत नहीं कि हमें अपनी पार्टी छोड़कर जाने की बात बोल सकता था। इस तरह की पीत पत्रकारिता नहीं करनी चाहिए।

सवाल: जिस खटास के साथ आप नीतीश कुमार से अलग हुए थे, अब NDA में उनकी वापसी के बाद क्या मधुरता रहेगी या अब खटास आ चुकी है?
जवाब:
राज्यहित और जनहित में आदमी काम करता है। वो गलत संगत में पड़ गए थे, इसीलिए बिहार की कानून व्यवस्था बहुत खराब हो गई थी। विकास की दिशाएं दूसरी जगह जा रही थीं। भ्रष्टाचार हो गया था, अब वो सही जगह पर आए हैं।

हम समझते हैं कि ठीक ढंग से काम होगा तो निश्चित प्रशंसा के पात्र होंगे और हम लोग उनके कदम से कदम मिलाकर आगे चलेंगे, ताकि बिहार आगे बढ़े।

सवाल: नीतीश कुमार ने I.N.D.I.A गठबंधन की नींव रखी…
जीतन राम मांझी ने सवाल बीच मे काटते हुए इंटरव्यू खत्म कर दिया।

बिहार की मौजूदा राजनीति भास्कर के कार्टूनिस्ट के नजरिए से…

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