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पटना. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया में एक वीडियो शेयर किया जिसपर बिहार की राजनीति में उबाल आ गया. इस वीडियो में वह हेलिकॉप्टर में मुकेश सहनी के साथ हैं और मछली और रोटी खाते दिखाई देते दिख रहे हैं. इतना ही नहीं, वह इसके बारे में विस्तार से बता भी रहे हैं. तेजस्वी ने मछली खाते ये वीडियो नवरात्रि के पहले दिन पोस्ट किया है इसलिए इसको लेकर विपक्षी भाजपा के नेता तेजस्वी यादव पर हमलावर हैं और उन्हें ढोंगी सनातनी कह रहे हैं. बवाल बड़ा तो तेजस्वी यादव ने सफाई देते हुए कहा कि वह तो भाजपा नेताओं का आईक्यू लेवल जांच रहे थे.

लोकसभा चुनाव प्रचार पर निकलने से पहले तेजस्वी यादव ने मछली खाने पर सफाई देते हुए कहा, मैं बीजेपी का IQ ले रहा था क्योंकि मुझे पता था कि भी वाले यही बात कहेंगे. बीजेपी वालों को मिर्ची लगेगी यह पता था. मैने जो ट्वीट किया है उसपर साफ तौर पर तारीख है और उस वीडियो में 8 तारीख (8 अप्रैल) लिखा हुआ है. बीजेपी के नेता आईक्यू टेस्ट में फेल हो गए.

तेजस्वी यादव ने आगे कहा, बीजेपी वाले महंगाई गरीबी पर कुछ बोलते ही नहीं, लेकिन इस बात पर कैसे कूद-कूदकर बोल रहे हैं. बीजेपी के नेता बिना पढ़े लिखे बयानबाजी कर रहे हैं. आईक्यू टेस्ट में साबित हुआ कि बीजेपी वाले अज्ञानी हैं. मुकेश सहनी के साथ पिछले कई दिनों से जा रहे हैं. बीजेपी मुद्दे की नहीं जहर बोने का काम करती है.

बता दें कि नवरात्रि के समय में तेजस्वी के मछली खाते हुए वीडियो डालने पर एनडीए के नेता लगातार निशाना साध रहे हैं. बिहार के उपमुख्यंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी को निशाने पर लेते हुए कहा कि- कुछ लोग सनातन के संतान बनते हैं तो उन्हें सनातन का संस्कार भी अपनाना चाहिए, लेकिन वे अपना नहीं पाते हैं.

विजय सिन्हा ने कहा कि खान पान पर मुझे आपत्ति नहीं है, लेकिन पवित्र माह सावन में भी मटन बनाना, खाना और खिलाना. नवरात्रि के मौके पर आप मछली खाते वीडियो को शेयर कर क्या दिखलाना चाहते हैं? उन्होंने आगे सवाल करते हुए कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति, वोट के लिए इतनी गिरावट. अपने धर्म, समाज, राष्ट्र और अपने संस्कार पर गर्व महसूस होना चाहिए, उसको लज्जित करना कहीं से उचित नहीं है.

वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, तेजस्वी जी सीजनल सनातनी हैं, तुष्टिकरण के पोषक हैं जब इनकी सरकार थी तो वोट की खातिर इनके पिताजी ने रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को अवैध तरीके से बसाया. काफी संख्या में ऐसे लोग आए थे ये वोट के सौदागर हैं, ना कि सनातनी पुजारी हैं. ये सनातन का लबादा ओढ़कर तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं.

जेडीयू प्रवक्ता ने कहा, एक तरफ तुष्टिकरण की नीति एक तरफ राम मंदिर जाने का दावा. एक तरफ तिरुपति बालाजी की तस्वीर दिखाकर सनातन संस्कृति को मानने का ढोंग और दूसरी तरफ नवरात्रि के समय मांस खाना ये बताता है कि इनकी नीति दोहरी है और जनता ऐसे नेताओं पर भरोसा नहीं करती है.

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