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Deoria Loksabha Seat: BJP ने यूपी के पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष का टिकट काटा, ‘आईआईटी ब्‍वॉय’ पर खेला दांव

पूर्वांचल की देवरिया लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपना प्रत्‍याशी घोषित कर दिया है. यहां से भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व अध्‍यक्ष व वर्तमान सांसद रमापति राम त्रिपाठी का टिकट काट दिया है और नए चेहरे पर दांव खेला है. ब्राह्मण बाहुल सीट होने के कारण यहां पर पार्टी ने शशांक मणि त्रिपाठी को उम्‍मीदवार बनाया है. कहा यह जा रहा है कि स्‍थानीय कार्यकर्ता देवरिया सीट पर किसी स्‍थानीय नेता को टिकट देने की मांग कर रहे थे. दरअसल, पिछले चुनाव में संत कबीर नगर के सांसद व रमापति राम त्रिपाठी के पुत्र शरद त्रिपाठी का टिकट कट गया था, जिसकी वजह से पार्टी ने पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष रमापति राम त्रिपाठी को देवरिया लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था. वह मूल रूप से देवरिया के नहीं थे.

इसी तरह वर्ष 2014 में यहां पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष कलराज मिश्र को भाजपा ने प्रत्‍याशी बनाया था. उनकी उम्‍मीदवारी पर भी बाहरी होने का ठप्‍पा लगाया गया, हालांकि उन्‍होंने सफाई दी थी कि उनके पुरखे देवरिया के ही थे. इस तरह से पिछले दो चुनावों से यहां स्‍थानीय प्रत्‍याशी को टिकट नहीं दिया गया था, लिहाजा इस बार पार्टी पर स्‍थानीय प्रत्‍याशी देने का दबाव था. काफी सोच विचार के बाद पार्टी ने यहां से सांसद रमापति राम त्रिपाठी का टिकट काटकर शशांक मणि त्रिपाठी को दिया है. शशांक मणि आईआईटी दिल्‍ली से पास आउट हैं. इस तरह पार्टी ने पूर्व प्रदेश अध्‍यक्ष का टिकट काटकर आईआईटी ब्‍वॉय पर दांव खेला है. वर्षों से क्षेत्र में सक्रिय थे और उन्‍होंने विधानसभा चुनावों में भी प्रत्‍याशियों के पक्ष में जमकर प्रचार प्रसार किया था और पूर्वांचल के 12 जिलों में पार्टी के साथ साथ उद्यमिता विकास पर भी काम कर रहे हैं.

IIT के अलावा विदेश से किया MBA 
शशांक मणि त्रिपाठी देवरिया जिले के बरपार गांव के मूल निवासी हैं. शशांक मणि के पिता भाजपा के सांसद रहे ले. जनरल श्री प्रकाश मणि के पुत्र हैं. देवरिया के रहने वाले शशांक की प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के कॉल्विन ताल्लुकेदार कॉलेज से हुई. इसके बाद उन्‍होंने इंडियन इंस्‍टीटयूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी (IIT,आईआईटी) दिल्‍ली से बीटेक किया है. इसके अलावा उन्‍होंने आईएमडी बिजनेस स्‍कूल स्‍विटजरलैंड से एमबीए किया है. साथ ही 18 वर्षों तक इंटरनेशनल ऑयल सर्विसेज कंपनी में इंटरनेशनल बिजनेस के क्षेत्र में सेवाएं दीं. इसके अलावा उनके द्वारा कई कंपनियों व बीपीओ की स्‍थापना भी की गई है. वह जागृति इंटरप्राइजेज सेंटर पूर्वांचल के फाउंडर हैं. वह हर साल देश भर के इंटरप्रन्‍योर्स के लिए जागृति यात्रा भी निकालते हैं. इसके अलावा उनकी संस्‍था पूर्वांचल के 12 जिलों में स्‍वरोजगार के लिए काम कर रही है. गांव में लोगों के लिए रोजगार कैसे सृजित किया जाए, इसको लेकर उनकी संस्‍था की ओर से लगातार प्रशिक्षण आदि के कार्यक्रम चलाए जाते हैं. शशांक मणि को इकोनॉमी थिंकर के रूप में भी जाना जाता है. उनकी कई किताबें भी प्रकाशित हुई हैं. ऐसा माना जा रहा है कि शशांक मणि के कार्यों से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रभावित था और उनके कार्यों को देखते हुए ही भाजपा ने उन्‍हें टिकट देकर पुरस्कृत किया है.

बाबा थे IAS और चाचा DGP
शशांक के परिवार में उनके बाबा पंडित सूरत नारायण मणि त्रिपाठी उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस थे. वह कई जिलों के डीएम रहे. इसके अलावा काशी विद्यापीठ वाराणसी के वाइस चांसलर और गोरखपुर विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्‍यों में भी रहे हैं. इतना ही नहीं वह बाद में विधान परिषद सदस्य भी रहे. शशांक के पिता श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी भारतीय थल सेना में लेफ्टिनेंट जनरल से रिटायर हुए. रिटायर होने के बाद उन्‍होंने भाजपा की सदस्‍यता ली और वर्ष 1996 में देवरिया लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद बने. इतना ही नहीं शशांक मणि त्रिपाठी के चाचा श्रीनिवास मणि त्रिपाठी देवरिया की गौरीबाजार सीट से विधायक रहे. एक अन्‍य चाचा श्रीविलास मणि त्रिपाठी आईपीएस अधिकारी थे. वह यूपी के डीजीपी के पद पर भी रहे. अब पार्टी ने शशांक को अपना उम्‍मीदवार बनाया है.

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