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CJI ने कोर्ट में जूनियर वकीलों के लिए स्टूल लगवाया: उन पर बैठकर भी देखा; सॉलिसिटर जनरल बोले- चीफ जस्टिस उदारता का प्रतीक

नई दिल्ली38 मिनट पहले

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CJI के आदेश के बाद कोर्टरूम में रखे गए स्टूल। - Dainik Bhaskar

CJI के आदेश के बाद कोर्टरूम में रखे गए स्टूल।

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने जूनियर वकीलों के बैठने का मुद्दा उठाया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता अपनी बात रख रहे थे, जब CJI ने उनकी बात काटते हुए कहा कि मिस्टर सॉलिसिटर हमारे सभी जूनियर्स रोजाना यहां हाथों में लैपटॉप पकड़े खड़े रहते हैं। दोपहर में कोर्ट मास्टर देखेंगे कि क्या इन सभी जूनियर वकीलों के लिए आपके पीछे बैठने की व्यवस्था की जा सकती है।

यह वाकयय तब हुआ जब CJI की अगुआई वाली नौ जजों की एक संवैधानिक बेंच इस मामले में दाखिल कई अपीलों पर सुनवाई कर रही थी कि 1990 में सात जजों की संवैधानिक बेंच की तरफ से राज्यों को इंडस्ट्रियल अल्कोहल की बिक्री और मैन्यूफैक्चरिंग पर रोक लगाने के बाद क्या राज्यों के पास इसका कानूनी हक बचता है।

हालांकि, सुनवाई के बीच जब जूनियर वकीलों की बात आई, तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वे भी कई दिनों से इस बात पर गौर कर रहे हैं और उन्होंने कोर्ट में मौजूद वकीलों से अपील की है कि जो भी वकील इस केस से नहीं जुड़े हैं, वे जूनियर वकीलों के लिए अपनी कुर्सी खाली कर दें।

इसके जवाब में चीफ जस्टिस ने कहा कि मैंने कोर्ट मास्टर से कहा है कि वे देखें कि क्या वे कुछ स्टूल रख सकते हैं। हम जूनियर वकीलों के लिए स्टूल रखने की कोशिश करेंगे।

लंच के बाद जब मामले की सुनवाई के लिए बेंच फिर बैठी, तो कोर्टरूम में वकीलों के लिए स्टूल रखे हुए थे। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के सोर्सेस ने बताया कि चीफ जस्टिस ने युवा वकीलों के बैठने के लिए इंतजाम करने के निर्देश दिए थे।

कोर्ट शुरू होने के पहले ही CJI ने बैठने की व्यवस्था का जायजा लिया। वे कोर्ट में उस जगह आए जहां जूनियर वकील खड़े थे और खुद स्टूल पर बैठकर देखा कि सब ठीक है या नहीं। उन्होंने ये भी देखा कि वहां बैठकर वकीलों को मामले की सुनवाई देखने में कोई परेशानी तो नहीं आएगी या सॉलिसिटर जनरल के लिए कोई बाधा तो नहीं बनेगी।

इस वाकये के बारे में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चीफ जस्टिस उदारता का प्रतीक हैं। आज उन्होंने जो किया वह न सिर्फ अनोखा था, बल्कि सभी कोर्ट को इसका पालन करना चाहिए। न्यायिक क्रम के सबसे ऊंचे शिखर पर बैठा व्यक्ति बिना किसी के बताए जूनियर वकीलों की परेशानी को लेकर चिंता करता है, ये सराहनीय बात है। जूनियर वकीलों के पास CJI का शुक्रिया कहने के लिए शब्द नहीं थे। मैं खुद भावनाओं से भरा हुआ हूं।

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