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नई दिल्ली33 मिनट पहले
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कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रमोटेड नेशनल हेराल्ड न्यूजपेपर की 752 करोड़ रुपए की संपत्ति को ED जब्त कर सकती है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की निर्णायक समिति ने इन संपत्तियों को पिछले साल नवंबर में फ्रीज कर दिया था। इसके बाद ED ने संपत्ति को अटैच किया था। 10 अप्रैल को समिति ने अपना पिछला फैसला बरकरार रखा।
समिति ने अपने आदेश में कहा कि उसे लगता है कि ED की तरफ से अटैच किए गए मूवेबल असेट्स और इक्विटी शेयर्स मनी लॉन्ड्रिंग से जुटाए गए हैं। इस आदेश के साथ ही अब एजेंसी दिल्ली के ITO में हेराल्ड हाउस, मुंबई, लखनऊ और कई अन्य लोकेशन पर जमीन और बिल्डिंग अपने कब्जे में ले सकती है। हालांकि, इन्हें कब्जे तभी लिया जा सकेगा जब ट्रायल कोर्ट ED के हक में फैसला सुनाएगा।
इस आदेश के साथ ही अब एजेंसी दिल्ली के ITO में हेराल्ड हाउस, मुंबई, लखनऊ और कई अन्य लोकेशन पर जमीन और बिल्डिंग अपने कब्जे में ले सकती है।
नेशनल हेराल्ड का मालिकाना हक यंग इंडिया के पास, इसमें सोनिया-राहुल की 76% हिस्सेदारी
ED ने पिछले साल नवंबर में असोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड ( AJL) और यंग इंडिया (YI) के खिलाफ PMLA के तहत इन संपत्तियों को अटैच किया था। नेशनल हेराल्ड को AJL पब्लिश करता है और इसका मालिकाला हक यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है। यंग इंडिया के सबसे ज्यादा शेयर्स राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास हैं। दोनों के पास 38-38 फीसदी शेयर्स हैं।
इसी केस में ED ने 3 अगस्त 2022 को दिल्ली की हेराल्ड बिल्डिंग में स्थित यंग इंडिया कंपनी का ऑफिस सील कर दिया था। पिछले साल 2 और 3 अगस्त को ED की टीम ने सुबह से देर शाम तक नेशनल हेराल्ड के दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई सोनिया और राहुल से पूछताछ के बाद की गई थी।
यंग इंडिया के सबसे ज्यादा शेयर्स राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास हैं। दोनों के पास 38-38 फीसदी शेयर्स हैं।
ED ने कहा- जांच में अवैध प्रॉपर्टी मिली
जांच एजेंसी ने बयान जारी कर कहा कि सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछताछ की थी और उनके बयान दर्ज किए थे। इसी के आधार पर कार्रवाई की गई। ED ने आगे कहा कि जांच से पता चला कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के पास दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में 661.69 करोड़ रुपए की अवैध संपत्तियों में यंग इंडिया का कब्जा है। इसके अलावा AJL ने इसमें 90.21 करोड़ रुपए की अवैध आय निवेश किया है। इसी प्रॉपर्टी को अटैच किया गया है।
नेशनल हेराल्ड केस क्या है?
नेशनल हेराल्ड केस का मामला सबसे पहले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में उठाया था। अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को आरोपी बनाया गया था।
नीचे ग्राफिक्स से समझिए इस पूरे केस को…
सोनिया और राहुल पर ये आरोप
BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड को चलाने वाले AJL से 90 करोड़ रुपए लोन की रिकवरी का अधिकार यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) को ट्रांसफर किया और यंग इंडियन लिमिटेड ने AJL की 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति को कांग्रेस पार्टी को महज 50 लाख रुपए का भुगतान करते हुए अधिग्रहित कर ली।
स्वामी का आरोप है कि नेशनल हेराल्ड को चलाने वाली AJL कंपनी पर कांग्रेस के बकाया 90 करोड़ के लोन को चुकाने के लिए राहुल-सोनिया की यंग इंडियन लिमिटेड ने 50 लाख रुपए का भुगतान किया, इसके बाद कांग्रेस ने AJL के बाकी बचे 89.50 करोड़ रुपए का लोन माफ कर दिया।
स्वामी का आरोप है कि YIL को अपना लोन वसूलने के लिए नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को अधिग्रहित करने का अधिकार मिल गया, जिसमें दिल्ली की प्राइम लोकेशन पर स्थित उसकी बिल्डिंग भी शामिल है, जिसकी कीमत करीब 2,000 करोड़ रुपए है।
आरोप है कि 2010 में 5 लाख रुपए में बनी यंग इंडियन लिमिटेड की संपत्ति कुछ ही सालों में बढ़कर 800 करोड़ रुपए हो गई।
उधर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि यंग इंडियन लिमिटेड में राहुल गांधी को शेयरों से 154 करोड़ रुपए की कमाई हुई। इनकम टैक्स डिमार्टमेंट पहले ही 2011-12 के लिए यंग इंडियन लिमिटेड को 249.15 करोड़ रुपए टैक्स भुगतान का नोटिस जारी कर चुका है।
नेहरू ने शुरू किया था नेशनल हेराल्ड अखबार
नेशनल हेराल्ड अखबार 1938 में जवाहर लाल नेहरू ने 5 हजार स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर शुरू किया था। इस अखबार का प्रकाशन एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) द्वारा किया जाता था। आजादी के बाद ये अखबार कांग्रेस का मुखपत्र बन गया।
AJL इस अखबार का प्रकाशन तीन भाषाओं में करता था। अंग्रेजी में ‘नेशनल हेराल्ड’ के अलावा हिंदी में ‘नवजीवन’ और उर्दू में ‘कौमी आवाज।’ धीरे-धीरे अखबार घाटे में चला गया और कांग्रेस से मिले 90 करोड़ रुपए के कर्ज के बावजूद 2008 में बंद हो गया।