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कोलकाता4 मिनट पहले
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TMC से निष्कासित नेता शेख शाहजहां को बंगाल पुलिस ने 29 फरवरी को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद पुलिस ने उसे CBI को सौंप दिया था।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले की जांच CBI से करवाने के निर्देश दिए हैं। संदेशखाली की महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं पर कथित रूप से यौन उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जे का आरोप लगाया है। मामले में शेख शाहजहां, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार आरोपी हैं। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
संदेशखाली से जुड़ी 5 जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की बेंच ने सुनवाई की। बेंच ने कहा कि कोर्ट की निगरानी में CBI जांच होगी। CBI जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपेगी। 2 मई को मामले में फिर सुनवाई होगी।
कोर्ट के आदेश के बाद अब राज्य की ममता बनर्जी सरकार CBI जांच पर रोक नहीं लगा पाएगी। दरअसल, राज्य से जुड़े किसी भी मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी CBI की इन्क्वायरी के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होती है। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब इसकी जरूरत नहीं होगी।
इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने 4 अप्रैल को कहा था कि संदेशखाली का 1% सच भी शर्मनाक है। कोर्ट ने कहा था कि पूरा प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी इसके लिए नैतिक तौर पर 100% जिम्मेदार है। यह लोगों की सुरक्षा का मामला है।
हाईकोर्ट ने कहा था- यह लोगों की सुरक्षा का मामला
चीफ जस्टिस- मान लीजिए कि एक भी एफिडेविट सही है तो यह शर्मनाक है। पूरा प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी इसके लिए नैतिक तौर पर 100 फीसदी जिम्मेदार है। यह लोगों की सुरक्षा का मामला है। आप एससी-एसटी नेशनल कमीशन की रिपोर्ट देखेंगे तो उसमें अगर एक फीसदी भी सच है तो ये 100 फीसदी शर्मनाक है। बंगाल महिला सुरक्षा के मामले में NCRB का डेटा दिखाता है।
एक अन्य जनहित याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस मामले में गवाहों को सुरक्षा प्रदान की जाए। उन्होंने दावा किया कि सुरक्षा कारणों से कोई भी महिला अदालत में गवाही देने के लिए आगे नहीं आई।
एक अन्य याचिकाकर्ता की वकील प्रियंका टिबरेवाल ने कहा, ‘ज्यादातर महिलाएं अनपढ़ हैं। ई-मेल तो भूल जाइए, वो खत भी नहीं लिख सकती हैं। हमारे पास 500 से ज्यादा महिलाओं ने सेक्शुअल असॉल्ट की शिकायत की है। हमारे पास एफिडेविट हैं, जिनमें कहा गया है कि केवल एक शाहजहां गिरफ्तार हुआ है। उसके 1000 साथी गांव में घूम रहे हैं और शाहजहां के खिलाफ बयानबाजी ना करने के लिए धमका रहे हैं। ये लोग कह रहे हैं कि अगर महिलाओं ने बयान दिया तो उनके पति-बच्चों का सिर काटकर फुटबॉल खेलेंगे।’
ED का आरोप- राज्य सरकार जांच में सहयोग नहीं कर रही
कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से पेश वकील किशोर दत्ता ने केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच के तरीके पर सवाल उठाए। दत्ता ने कहा, अगर कोर्ट आदेश दे तो हम एक जनहित याचिका दायर कर सकते हैं कि पिछले 10 सालों में CBI जांच के क्या नतीजे निकले और उन केसेस का अब तक क्या हुआ।
इस मामले में ईडी की ओर से पैरवी कर रहे केंद्र सरकार के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल धीरज त्रिवेदी ने राज्य सरकार पर सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए पूछा कि ऐसी स्थिति में केंद्रीय एजेंसियां जांच को कैसे आगे बढ़ा सकती हैं।
शाहजहां और उसके दो साथियों पर महिलाओं से गैंगरेप का आरोप
संदेशखाली में शेख शाहजहां और उसके दो साथियों शिबू हाजरा और उत्तम सरदार पर आरोप है कि वे महिलाओं का लंबे समय से गैंगरेप कर रहे थे। इस केस में शिबू हाजरा, उत्तम सरदार, शाहजहां समेत 18 लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
शाहजहां शेख TMC का डिस्ट्रिक्ट लेवल का नेता रहा है। राशन घोटाले में ED ने 5 जनवरी को उसके घर पर रेड की थी। तब उसके 200 से ज्यादा सपोर्टर्स ने टीम पर अटैक कर दिया था। अफसरों को जान बचाकर भागना पड़ा। उसके बाद शाहजहां फरार हो गया था। उसे 55 दिन बाद पकड़ा गया था।
हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार से कहा था- शाहजहां को गिरफ्तार करो
शाहजहां शेख की गिरफ्तारी को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम ने आदेश दिया था कि पुलिस हर हाल में 4 मार्च को अगली सुनवाई में शाहजहां को कोर्ट में पेश करे। उसकी गिरफ्तारी पर कोई स्टे नहीं है।
कोर्ट ने हैरानी जताई कि संदेशखाली में अत्याचार की घटनाओं की सूचना 4 साल पहले पुलिस को दी गई थी। यौन उत्पीड़न समेत 42 मामले हैं, लेकिन उनमें चार्जशीट दायर करने में चार साल लगा दिए गए। पूरी खबर पढ़ें…
रविवार को बंगाल सरकार के दो मंत्री पार्थ भौमिक और सुजित बसु संदेशखाली के हालदारपाड़ा पहुंचे, तो महिलाएं इन पर बरस पड़ीं।
नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली में हुआ क्या है
नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली में महिलाओं ने TMC नेता शेख शाहजहां और उनके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया था। इसके बाद संदेशखाली में स्थानीय महिलाओं ने प्रदर्शन किया था। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी। पूरी खबर पढ़ें…
महिला प्रदर्शनकारियों ने 11 फरवरी को संदेशखाली में TMC नेता शिवप्रसाद हाजरा के फार्म हाउस को आग लगा दी थी।
शाहजहां कैसे मजदूर से माफिया बना
आरोपी शाहजहां संदेशखाली में कहां से आया, ये कोई नहीं जानता। 2000-2001 में वो मत्स्य केंद्र में मजदूर था। सब्जी भी बेची। फिर ईंट-भट्ठे पर काम करने लगा। यहीं उसने मजदूरों की यूनियन बनाई। फिर सीपीएम से जुड़ा।
सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में वामदलों की जमीन खिसकी तो 2012 में वो तृणमूल के तत्कालीन महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना जिले के ताकतवर नेता ज्योतिप्रिय मलिक के सहारे पार्टी से जुड़ गया। गांव वालों ने बताया कि शाहजहां के पास सैकड़ों मछली पालन केंद्र, ईंट भट्ठे, सैकड़ों एकड़ जमीन हैं। वो 2 से 4 हजार करोड़ की संपत्ति का मालिक है।
ED अफसरों पर शेख समर्थकों ने ही हमला किया था
ED ने आरोप लगाया था कि 1 हजार से ज्यादा लोगों ने उनकी कार पर हमला किया।
पश्चिम बंगाल में कोरोना के दौरान कथित तौर पर हुए हजारों करोड़ रुपए के राशन घोटाले में ED ने 5 जनवरी को राज्य में 15 ठिकानों पर छापा मारा था। टीम नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में शेख शाहजहां और शंकर अध्य के घर भी रेड डालने गई थी। इस दौरान उन पर TMC समर्थकों ने जानलेवा हमला किया था। इसमें तीन अधिकारी घायल हो गए थे। पूरी खबर पढ़ें…
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संदेशखाली पर बंगाल सरकार को हाईकोर्ट की फटकार: कहा- शाहजहां समस्या की जड़, उसे क्यों नहीं पकड़ा
संदेशखाली केस को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 20 फरवरी को बंगाल सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा- शुरुआती तौर पर ये साफ है कि टीएमसी नेता शाहजहां ने लोगों को नुकसान पहुंचाया। जिस शाहजहां पर रेप और जमीन हड़पने के आरोप हैं, ऐसा लगता है कि वो पुलिस की पहुंच से बाहर है। पूरी खबर पढ़ें…
ममता बोलीं- संदेशखाली RSS का गढ़:यहां तनाव पैदा करने की भयानक साजिश हो रही, यहां पहले भी दंगे हुए
पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली में महिलाओं से यौन उत्पीड़न मामले में CM ममता बनर्जी ने गुरुवार (15 फरवरी) को विधानसभा में अपनी बात रखी। ममता ने कहा कि संदेशखाली में तनाव पैदा करने की भयानक साजिश चल रही है। संदेशखाली RSS का गढ़ है। वहां 7-8 साल पहले भी दंगे हुए थे। यह संवेदनशील स्थलों में से एक है। पूरी खबर पढ़ें…