नई दिल्ली. तमिलनाडु में पोनमुडी को मंत्री पद की शपथ दिलाने से इनकार करने के राज्यपाल के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ तमिलनाडु की सरकार सुप्रीम कोर्ट में पहुंची थी. जिसके बाद सूबे के राज्यपाल को आज सुप्रीम कोर्ट की कड़ी नाराजगी झेलनी पड़ी. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि राज्यपाल के बर्ताव को लेकर वह गंभीरता से चिंतित है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम इस कोर्ट में खुले में नहीं बोलना चाहते, लेकिन वो सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर रहे हैं. उन्हें उनके सलाहकार सही सलाह नहीं दे रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब राज्यपाल को ये समझाइए कि अगर किसी मामले में सुप्रीम कोर्ट कन्विक्शन पर रोक लगा देता है तो इसका मतलब कन्विक्शन पर रोक लग गई है. मामले की कल यानी शुक्रवार को भी सुनवाई होगी. दरअसल इस मामले में तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल के खिलाफ याचिका दाखिल की है. याचिका के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने पोनमुडी की कन्विक्शन पर रोक लगा दी है. जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री ने उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलवाने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा.
बहरहाल राज्यपाल ने पोनमुड़ी को शपथ दिलाने से इनकार कर दिया है और कहा कि उनके लिए इस व्यक्ति को शपथ दिलवाना संवैधानिक रूप से नैतिक नहीं होगा. गुरुवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारा किसी भी मंत्री या व्यक्ति के लिए अलग नजरिया हो सकता है. लेकिन हमें संविधान के मुताबिक ही चलना होगा. अगर सुप्रीम कोर्ट ने कन्विक्शन पर रोक लगा दी है, तो फिर मुख्यमंत्री की अनुशंसा के बावजूद राज्यपाल किसी को मंत्री पद कि शपथ दिलवाने से कैसे इनकार कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट में मौजूद अटार्नी जनरल ने इस मामले में शुक्रवार तक का समय मांगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर शुक्रवार तक राज्यपाल ने कानून सम्मत कदम नहीं उठाए तो हम संविधान के मुताबिक कदम उठाने का निर्देश दे देंगे और आदेश पारित कर देंगे.
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FIRST PUBLISHED : March 21, 2024, 16:50 IST