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अमित शाह का कांग्रेस पर कड़ा प्रहार, राहुल गांधी बताएं 1600 करोड़ का हफ्ता कहां से वसूल लाए?

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राइजिंग भारत समिट 2024 में चुनावी बांड पर उठ रहे सवालों का बेबाकी से जवाब दिया. भाजपा को मिले चंदे की पारदर्शी व्यवस्था के बारे में बताया, वहीं राहुल गांधी और INDI गठबंधन की नियत पर सवाल उठाए. राहुल गांधी के हफ्ता वसूली वाले बयान पर अमित शाह ने कहा कि उन्होंने फिर 1600 करोड़ का हफ्ता क्यों वसूला? उसका हिसाब देना चाहिए. 1600 करोड़ रुपए उनको भी मिला है. हमें 6000 करोड़ मिला है तो घमंडिया INDI गठबंधन को भी 6000 करोड़ मिला है. एक पैसा कम नहीं मिला है.

शाह ने कहा कि राहुल गांधी सबसे पहले हिसाब दें कि वे कहां से इतना हफ्ता वसूल लाए? हम तो कहते हैं कि भाजपा को मिले चंदे में ए​​क पैसा भी हफ्ता नहीं है, यह शुद्ध रूप से पारदर्शी तरीके से लाया गया चंदा है. राहुल गांधी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि चुनावी बांड की व्यवस्था हफ्ता वसूली है तो उनको 6000 करोड़ रुपए का हिसाब देना चाहिए. वे, टीएमसी, एनसीपी कहां से लाई?

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चुनावी व्यवस्था में फिर से काले धन का दबदबा बढ़ेगा
चुनावी बांड पर पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत का सुप्रीम कोर्ट जो भी निर्णय सुनता है, देश के सभी लोग इससे बंधे होते हैं. मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं. लेकिन चुनावी बांड पर अपना व्यक्तिगत मत जरूर​ देना चाहता हूं. चुनावी बांड से राजनीति में काला धन समाप्त होने के कगार पर था, लेकिन इस फैसले से चुनावी व्यवस्था में फिर से काले धन का दबदबा बढ़ेगा. इस​ वज​ह से ही राहुल जी के नेतृत्व में पूरा INDI गठबंधन चुनावी बांड के खिलाफ था. वे चाहत थे कि पहले जैसे कट मनी आता था, वैसे ही कट मनी एक बार फिर से राजनीति पर हावी हो.

बांड लाकर विपक्ष के इरादों पर हुआ कुठाराघात
शाह ने कहा कि पहले चंदा कैश में आता था. मानो पहले कोई व्यक्ति 1500 रुपए चंदा कैश में देता था. तो 100 रुपए वे पार्टी में जमा कराते थे और बाकी के 1400 रुपए अपने घर ले जाते थे और स्विस बैंक या कही और, जहां टैक्स, चंदे आदि के बारे में जानकारी नहीं दी जाती है, ऐसे देश में ले जाते थे. बांड आने से ये पूरा पैसा चेक के माध्यम से पार्टी के खाते में आते थे. ये पूरी जो जमात है राहुल जी के नेतृत्व में वो पुरानी चीजों की आदी है. उनको यही चाहिए कि पार्टी को चंदा मिले न मिले, चुनाव के लिए खर्च हो न हो, अपनी पीढ़ियां बहुत अच्छे तरह से जी पाएं. इस चीज पर मोदी जी ने बांड लाकर कुठाराघात किया है.

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भाजपा ने चुनावी चंदे पर पारदर्शिता अपनाई
अमित शाह ने बताया कि 2014 में भाजपा को जो भी चंदा आता था, उसमें से 81 फीसदी चंदा कैश के माध्यम से आता था. जिसमें किसी का नाम नहीं होता था. 20-20 हजार रुपए करके जमा करते थे. 2018 में ये चंदा 81 फीसदी से 17 फीसदी हुआ. 2023 में कम होकर यह 3 फीसदी पर आ गया. हमारी पार्टी ने इस पर पारदर्शिता अपनाई थी.

उन्होंने कहा कि अब जो नई व्यवस्था होगी, उसमें किसने कितना दिया, वो भी गोपनीय हो जाएगा क्योंकि सारा चंदा कैश में देना है. और किस पार्टी को कितना चंदा मिला, वह भी गोपनीय हो जाएगा क्योंकि कैश से लेना है. कैश से लेने की बात तो छोड़ो, इसमें से घर ले जाने की भी व्यवस्था होगी. हम पर यह आरोप लगता है ​कि हमको बहुत सारा चंदा मिला है, यह मिथ्या है. 6200 करोड़ रुपए राहुल बाबा के नेतृत्व में चलने वाली INDI गठबंधन को मिला है, जबकि हमारी 303 सीटे हैं, उनकी लोकसभा में कितनी सीटे हैं. हमारी राज्यों में 17 सरकारें हैं. हमारी हर राज्य में पार्टी चल रही है. और एक काम के सामने चंदे का सवाल है वो भी गलत है. क्योंकि 2019 लोकसभा में हमें जो 6000 करोड़ मिला, इसमें 2019 में लोक सभा के समय जो बांड खुले हैं, उसमें 3071 करोड़ चंदा है. जाहिर है कि जब आचार संहिता आ जाता है तो काम के सामने चंदा नहीं मिलता है. विधान सभा के आचार संहिता के लागू होने के बाद भाजपा को 2640 करोड़ का चंदा मिला है. उस समय भी आचार संहिता होती है और कोई काम नहीं होता है. 90 फीसदी चंदा बांड के जरिए हमें आचार संहिता लागू होने के बाद मिला है.

Tags: Amit shah, Electoral Bond, INDIA Alliance, Rahul gandhi, Rising Bharat Summit

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