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भारतीय नागरिकता के लिए गृह मंत्रालय ने पोर्टल लॉन्च किया: पाक-अफगान-बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम शरणार्थी करेंगे अप्लाई; CAA पर रोक की मांग, SC पहुंचा मुस्लिम लीग

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नई दिल्ली1 मिनट पहले

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संसद ने CAA पर 11 दिसंबर 2019 को मुहर लगाई थी। हालांकि, सरकार ने CAA लागू करने के लिए नियम-कायदे बनाने की समय सीमा 8 बार बढ़वाया था। - Dainik Bhaskar

संसद ने CAA पर 11 दिसंबर 2019 को मुहर लगाई थी। हालांकि, सरकार ने CAA लागू करने के लिए नियम-कायदे बनाने की समय सीमा 8 बार बढ़वाया था।

सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA के तहत भारतीय नागरिकता के लिए गृह मंत्रालय ने वेब पोर्टल लॉन्च किया है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों से नागरिकता के लिए आवेदन मांगे गए हैं।

केंद्र ने सोमवार (11 मार्च) को CAA का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके साथ ही यह कानून देशभर में लागू हो गया। CAA को हिंदी में नागरिकता संशोधन कानून कहा जाता है। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी।

दूसरी तरफ, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने CAA पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट 2019 और सिटिजनशिप अमेंडमेंट रूल्स 2024 के विवादित प्रावधानों को लागू करने पर रोक लगाने की मांग की गई है।

नागरिकता संशोधन कानून की 3 बड़ी बातें…

1. किसे मिलेगी नागरिकता: 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।

2. भारतीय नागरिकों पर क्या असर: भारतीय नागरिकों से CAA का कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता।

3. आवेदन कैसे कर सकेंगे: आवेदन ऑनलाइन करना होगा। आवेदक को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है। बाकी विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है।

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