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नई दिल्ली: संदेशखाली मामले पर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. ममता सरकार कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी, मगर बुधवार को कोर्ट ने मामले पर सुनवाई से इनकार कर दिया. संदेशखाली मुद्दे पर जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि प्रधान न्यायाधीश यानी सीजेआई चंद्रचूड़ ही याचिका को सूचीबद्ध करने का आदेश देंगे.

दरअसल, संदेशखाली मामले में शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपे जाने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार ने जल्द सुनवाई की मांग की थी. इस पर बुधवार को जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच में सुनवाई हुई. सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जल्द सुनवाई की जाए नहीं तो हमें हाईकोर्ट के आदेश के अवमानना का सामना करना होगा. इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि इस मामले को लेकर सीजेआई के पास ही जाइए क्योंकि चीफ जस्टिस ही मामले को जल्द लिस्ट करने पर फैसला लेंगे.

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‘सीजेआई के ही पास जाइए’
जस्टिस संजीव खन्ना ने ममता सरकार के वकील सिंघवी से कहा, ‘लंच के समय चीफ जस्टिस तय करेंगे कि कब सुनवाई हो’. वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) संदेशखालि जांच के हस्तांतरण पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश का तत्काल अनुपालन चाहता है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया था और तत्काल सुनवाई की मांग की थी.

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हाईकोर्ट ने क्या फैसला दिया था?
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को निर्देश दिया था कि संदेशखाली में ईडी के अधिकारियों पर हमले का मामला और टीएमसी के निलंबित नेता शाहजहां शेख की हिरासत सीबीआई को सौंपी जाए. हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण आचरण के लिए फटकार लगाई और कहा कि आरोपियों को बचाने के लिए जांच में देरी का हर प्रयास किया जा रहा है. हाईकोर्ट द्वारा ईडी के अनुरोध को स्वीकार करने के कुछ ही घंटों के भीतर पश्चिम बंगाल सरकार ने आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

Tags: DY Chandrachud, Justice DY Chandrachud, Mamata banerjee, Supreme Court, West bengal

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