लखनऊ14 मिनट पहलेलेखक: अनुराग गुप्ता
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“जब भी लगे कि अब नहीं हो पा रहा है तो सिविल सर्विस की तैयारी क्यों शुरू की, उस रिजन को याद करना। तैयारी शुरू करने की क्या वजह थी? क्या मोटिव था? साल में 140 बार ये ख्याल आता है कि छोड़ दें। जो आसानी से मिल रहा वो कर लें। लेकिन इस स्ट्रैस को सब्जेक्ट की तरह डील करें।” ये शब्द सुशांत सांवरे के हैं, सुशांत पिछले हफ्ते आए यूपी पीसीएस के रिजल्ट में सफल हुए और एसडीएम बन गए।
सुशांत ने लखनऊ मेट्रो में 2017 में बतौर ट्रैफिक कंट्रोलर