हाइलाइट्स
साल 2014 के बाद से भारत की विदेश नीति में बदलाव आया है.
आतंकवाद किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हो सकता है.
आज दुनिया को पता है कि पाकिस्तान आतंकवाद फैला रहा है.
पुणे. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि साल 2014 के बाद से भारत की विदेश नीति में बदलाव आया है और आतंकवाद से निपटने का यही तरीका है. मोदी सरकार आने के बाद से आतंकवाद से निपटने का तरीका भी बदल गया है. वैसे तो यह काम पहले ही हो जाना चाहिए था, लेकिन पूर्व की सरकारों ने इस बारे में स्पष्ट नीति नहीं बनाई थी.
जयशंकर ने महाराष्ट्र के पुणे में ‘भारत क्यों मायने रखता है : युवाओं के लिए अवसर और वैश्विक परिदृश्य में भागीदारी’ कार्यक्रम में युवाओं के साथ संवाद किया. यह पूछे जाने पर कि ऐसे कौन से देश हैं, जिनके साथ भारत को संबंध बनाए रखना मुश्किल लगता है, तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान. इसकी वजह है कि शुरुआत में पाकिस्तान को लेकर भारत की रणनीति स्पष्ट नहीं रही.
पाकिस्तान को लेकर रणनीति क्लीयर नहीं
उन्होंने उल्लेख किया कि 1947 में पाकिस्तान ने कश्मीर में कबायली आक्रमणकारियों को भेजा और सेना ने उनका मुकाबला किया और राज्य का एकीकरण हुआ. विदेश मंत्री ने कहा, ‘जब भारतीय सेना अपनी कार्रवाई कर रही थी, हम ठहर गए और संयुक्त राष्ट्र चले गए. हमने आतंकवाद के बजाय कबायली आक्रमणकारियों के कृत्यों का उल्लेख किया. अगर हमारा रुख शुरू से ही स्पष्ट होता कि पाकिस्तान आतंकवाद फैला रहा है तो बिल्कुल अलग नीति होती.’
आतंकवाद स्वीकार्य नहीं
विदेश मंत्री ने कहा, भले ही तब हमसे चूक हुई लेकिन यह बात बिलकुल स्पष्ट है कि आतंकवाद किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हो सकता है. आज दुनिया को पता है कि पाकिस्तान आतंकवाद फैला रहा है और अब हमारी नीति भी पाकिस्तान को लेकर पूरी तरह क्लीयर है. 2014 के बाद से भारत ने आतंकवाद पर करारा प्रहार किया है. हमने पाकिस्तान में घुसकर भी आतंक पर प्रहार किया है. यही कारण है कि अब भारत में आतंकी घटनाएं बीते जमाने की बात हो गई है.
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Tags: India and Pakistan, Terrorism, Terrorism In India
FIRST PUBLISHED : April 13, 2024, 01:33 IST