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स्वामी प्रसाद मौर्य को सुप्रीम कोर्ट से मिल गया सुकून! जज ने कहा- …तो इसे अपराध कैसे माना जाए

नई दिल्ली: रामचरितमानस पर कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर मुकदमा का सामना कर रहे समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल निचली अदालत में चल रहे मुकदमे पर रोक लगा दी है और कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है. दरअसल, समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर उनकी कथित विवादास्पद टिप्पणी के लिए उन पर दर्ज मामले में आपराधिक कार्रवाई को रद्द करने की मांग की है.

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करवाने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जिस पर आज यानी गुरुवार को सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में बेंच के सदस्य जस्टिस संदीप मेहता ने टिप्पणी की कि रामचरित मानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य की यह अपनी राय हो सकती है. इसे कैसे अपराध माना जा सकता है. फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ किसी भी एक्शन पर रोक लगा दी है.

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरितमानस पर उनकी कथित विवादास्पद टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ दर्ज मामले में आपराधिक कार्रवाई को रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहना था कि स्वस्थ आलोचना का मतलब यह नहीं है कि ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाए जो लोगों की भावनाओं को आहत करें.

स्वामी प्रसाद मौर्य को सुप्रीम कोर्ट से मिल गया सुकून! जज ने कहा- ....तो इसे अपराध कैसे माना जाए

बता दें कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ यूपी के प्रतापगढ़ जिले में एफआईआर दर्ज हुई है. बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. इससे पहले स्‍वामी प्रसाद ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान कारसेवकों पर तत्कालीन यूपी सरकार द्वारा गोलियां चलवाने का बचाव करते हुए उन कारसेवकों को अराजक तत्व करार दिया था.

Tags: Supreme Court, Swami prasad maurya

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