नई दिल्ली17 मिनट पहले
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जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने मामले की सुनवाई की।
चुनाव में EVM के सभी वोटों की गिनती वीवीपैट मशीन की पर्चियों से कराने की मांग वाली याचिका पर सोमवार (1 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने मामले पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दरअसल, एक्टिविस्ट और वकील अरुण कुमार अग्रवाल ने अगस्त 2023 में याचिका लगाई थी। इसमें उन्होंने इलेक्शन कमीशन की गाइडलाइन को चुनौती दी है। साथ ही कहा है कि EVM में पड़े सभी वोटों का मिलान वीवीपैट की पर्चियों से किया जाए। फिलहाल निर्वाचन क्षेत्र के कोई भी 5 EVM का ही VVPAT से मिलान होता है।
इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि वोटर्स को VVPAT की पर्ची वेरीफाई करने का मौका दिया जाना चाहिए। वोटर्स को खुद बैलेट बॉक्स में वीवीपैट से निकली पर्ची डालने की सुविधा मिलनी चाहिए।
इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि फिलहाल निर्वाचन क्षेत्र की 5 EVM का वीवीपैट से मिलान एक के बाद एक होता है। सभी EVM का मिलान एक साथ नहीं किया जाता। हर क्षेत्र में वोटों के मिलान के लिए अधिकारियों की तैनाती बढ़ानी चाहिए, जिससे 5-6 घंटे में पूरा वैरीफिकेशन हो जाए।
याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने लगभग 24 लाख वीवीपैट खरीदने के लिए 5 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन केवल 20,000 वीवीपैट की पर्चियों का ही वैरीफिकेशन होता है।