नई दिल्ली7 मिनट पहले
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राजधानी दिल्ली में रायसीना हिल्स के विजय चौक बीटिंग बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी समारोह शुरू हो गया है। इसे गणतंत्र दिवस के समापन समारोह के तौर पर मनाया जाता है।
सबसे पहले तीनों सेनाओं के चीफ विजय चौक पर पहुंचे। इसके बाद रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट भी समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे। इसके बाद पीएम मोदी का काफिला पहुंचा है। अजीत डोभाल भी मौजूद हैं। समारोह में शामिल होने के लिए चीफ गेस्ट तीनों सेनाओं की प्रमुख राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन से रवाना हो गई हैं।
यह तस्वीर साल 2023 के बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी की है। पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत करते हुए।
यह तस्वीर साल 2023 के बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी की है। तीनों सेनाओं के चीफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सैल्यूट करते हुए
बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में बजाई जाएगी ये क्लासिकल धुनें
सभी बैंड सेरेमनी की शुरुआत ‘शंखनाद’ की धुन बजाकर करेंगे। इसके बाद पाइप और ड्रम बैंड के जरिए वीर भारत, संगम दूर, देशों का सरताज भारत, भागीरथी और अर्जुन धुन बजाई जाएंगी। CAPF बैंड भारत के जवान और विजय भारत का संगीत पेश करेंगे।
इंडियन एयरफोर्स का बैंड टाइगर हिल, रेजोइस इन रायसीना और स्वदेशी म्यूजिक पेश करेंगे।
इंडियन नेवी का बैंड INS विक्रांत, Mission चंद्रयान, जय भारती और हम तैयार हैं की धुन बजाएंगे।
इंडियन आर्मी का बैंड फौलाद का जिगर, अग्निवीर, कारगिल 1999 और ताकत वतन का म्यूजिक बजाएगी।
इसके बाद सभी बैंड ग्रुप में कदम-कदम बढ़ाए जा, ऐ मेरे वतन के लोगों और ड्रमर्स कॉल की धुनें पेश करेंगे। बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम का समापन लोकप्रिय धुन ‘सारे जहां से अच्छा’ के साथ होगा।
300 साल से भी ज्यादा पुराना इतिहास
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी की परंपरा राजा महाराजाओं के समय चली आ रही है। जब सूर्यास्त के बाद जंग बंद होने का ऐलान होता था। बिगुल बजाते ही सैनिक युद्ध बंद कर पीछे हट जाते थे। यब परम्परा 300 साल से भी ज्यादा पुरानी है। भारत के अलावा ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी होती है। भारत में इसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी।