मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी काफी चर्चे में है. चुनावी बांड के मामले में वह दूसरे नंबर पर है. लेकिन शनिवार को सीबीआई ने उसपर द्वारा रिश्वतखोरी का केस दर्ज किया है. इस कंपनी के मालिक एक अरबपति हैं, जो आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के एक किसान की पांचवीं संतान हैं.
फोर्ब्स के अनुसार, इस कंपनी के मालिक पामीरेड्डी पिची रेड्डी का $2.3 बिलियन (लगभग ₹ 19,230 करोड़) की व्यक्तिगत शुद्ध संपत्ति है. इनके कंपनी की मूल्य ₹ 67,500 करोड़ है. वह अब हैदराबाद में डायमंड के आकार वाले घर में रहते हैं.
पीपी रेड्डी ने महज 5 लाख रुपये की पूंजी के साथ हैदराबाद के बालानगर में एक शेड से मेघा इंजीनियरिंग एंटरप्राइजेज के नाम से कंपनी शुरू की और नगर पालिकाओं के लिए पाइप बनाए. उनके भतीजे, पीवी कृष्णा रेड्डी, दो साल बाद कंपनी में शामिल हो गए और दोनों लोग धीरे-धीरे सड़कों के निर्माण और छोटे इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में काम में लग गए. साल 2006 में कंपनी का नाम बदलकर, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) कर दिया गया.
धीरे-धीरे यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार होने लगी. इस कंपनी ने धीरे-धीरे हाइवे और पावर प्लांट्स जैसी प्रमुख प्रोजेक्ट्स पर काम करना शुरू किया. इसने देश के 20 से अधिक राज्यों के साथ-साथ बांग्लादेश और कुवैत सहित कई देशों में अपना विस्तार किया.
मेघा कंपनी की सबसे पॉपुलर परियोजनाओं ज़ोजिला सुरंग का निर्माण है, यह कश्मीर के गांदरबल और कारगिल के द्रास के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करती है. इसके प्रोजेक्ट की लागत करीब 25,000 करोड़ रुपये है.
इसके अलावा कंपनी देश में कई परियोजनाओं पर काम किया है. तेलंगाना में कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना और मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्टेशन का निर्माण शामिल है.
पीपी रेड्डी, हैदराबाद में डायमंड की तरह दिखने वाले घर में रहते हैं. उनका घर अब शहर के ऐतिहासिक जगहों में शुमार है. उनके अपने फार्महाउस में एक गोल्फ कोर्स भी है.
मालूम हो कि मेघा इंजीनियरिंग कंपनी (MEIL) ने 966 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे थे और ‘लॉटरी किंग’ सैंटियागो मार्टिन के स्वामित्व वाले फ्यूचर गेमिंग के बाद दूसरे सबसे बड़े खरीदार के रूप में उभरे हैं. सीबीआई ने कंपनी और कुछ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया है. आठ अधिकारियों पर छत्तीसगढ़ में जगदलपुर एकीकृत इस्पात संयंत्र से संबंधित एमईआईएल के 174 करोड़ रुपये के बिलों को मंजूरी देने के बदले 78 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है.
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FIRST PUBLISHED : April 13, 2024, 23:45 IST