नागपुर. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने सख्त फैसलों और टिप्पणियों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस बार वकीलों की हरकत पर टिप्पणी करते हुए उसे चिंताजनक करार दिया है. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के कंधे चौड़े हैं और वह तारीफ के साथ ही आलोचना भी स्वीकार कर सकती है, लेकिन लंबित मुकदमों या फैसलों पर वकीलों की टिप्पणी करना बहुत चिंताजनक है.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि बार के पदाधिकारियों और सदस्यों को न्यायिक निर्णयों पर प्रतिक्रिया देते वक्त यह नहीं भूलना चाहिए कि वे अदालत के अधिकारी हैं, आम आदमी नहीं. सीजेआई नागपुर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि एक संस्था के रूप में बार न्यायिक स्वतंत्रता, संवैधानिक मूल्यों और अदालत की प्रतिष्ठा की रक्षा करने के लिए जरूरी है.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के फैसले कठिन कार्यवाही, व्यापक न्यायिक विश्लेषण और संवैधानिक सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम होते हैं. उन्होंने कहा, ‘लेकिन एक बार जब फैसला सुना दिया जाता है तो यह सार्वजनिक संपत्ति है. एक संस्था के तौर पर हमारे कंधे चौड़े हैं. हम प्रशंसा और आलोचना दोनों स्वीकार करने के लिए तैयार हैं….’
उन्होंने कहा कि लेकिन बार एसोसिएशन के सदस्य और पदाधिकारी होने के नाते वकीलों को अदालत के निर्णयों पर प्रतिक्रिया देते समय आम आदमी की तरह टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : April 6, 2024, 07:08 IST