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- Patanjali Took An Important Step To Promote Self employment Through Indian Rural Art: Acharya Balkrishna
हरिद्वार38 मिनट पहले
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पतंजलि के समृद्ध ग्राम ट्रेनिंग सेंटर में बहनों को Traditional Eco Art की ट्रेनिंग माध्यम से उत्तराखंड की पारंपरिक कला “ऐपन” को स्वरोजगार के साथ जोड़कर आगे बढ़ाने का प्रशिक्षण दिया गया।
- गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम से महिलाओं के जीवन में हो रहा है विशेष परिवर्तन: श्री प्रदीप पांडेय
उत्तराखंड राज्य आजीविका मिशन (USRLM) के सहयोग से पतंजलि के समृद्ध ग्राम ट्रेनिंग सेंटर में उत्तराखंड के विभिन्न ज़िलों से आयी स्वयं सहायता समूह की बहनों को Traditional Eco Art की ट्रेनिंग माध्यम से उत्तराखंड की पारंपरिक कला “ऐपन” को स्वरोजगार के साथ जोड़कर आगे बढ़ाने का प्रशिक्षण दिया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी बहनों को IRULA (इंडियन रूरल आर्ट) हायपर लोकल मॉडल से जुड़कर व्यापार एवं आजीविका अभिवृद्धि हेतु भी प्रशिक्षण दिया गया। इस पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के अवसर पर सभी बहनें पतंजलि के प्रति कृतज्ञता तथा अपनी आजीविका अभिवृद्धि के प्रति दृढ़ संकल्पित दिखीं।
इस कार्यक्रम के समापन के अवसर पर पतंजलि समूह के सह संस्थापक श्री आचार्य बालकृष्ण जी भी उपस्थित रहे। उन्होंने सभी महिलाओं को सर्टिफिकेट्स भी वितरित किए और कहा कि उत्तराखंड की पारंपरिक कला को बढ़ावा देना तथा महिलाओं के जीवन में आजीविका अभिवृद्धि तथा आत्मनिर्भरता लाना इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य हैं।
महिलाओं को दिया कला में कौशल विकास का प्रशिक्षण
कार्यक्रम में महिलाओं में गजब का उत्साह देखने को मिला। गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में महिलाओं को दिया, पत्थर, साड़ी, कुर्ता, वुडन ब्लॉक, कैनवास तथा वाल पेंटिंग के माध्यम से कला में कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया।
इस पावन अवसर पर उत्तराखंड राज्य आजीविका मिशन के एडिशनल सीईओ श्री प्रदीप पांडेय जी ने भी पतंजलि के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर वनस्थली विश्वविद्यालय राजस्थान से आयी प्रोफेशनल्स की टीम के साथ साथ पूरी समृद्ध ग्राम की टीम भी उपस्थित रही।