पाकिस्तान में नई सरकार के लिए बृहस्पतिवार सुबह से मतदान जारी है. इस बीच दोपहर को खैबर पख्तूनख्वा के डेरा इस्माइल खान जिले के कुलाची में पुलिस मोबाइल वैन पर बड़ा आतंकी हमला हुआ. आतंकियों ने पहले जोरदार धमाका किया, फिर अंधाधुध फायरिंग करनी शुरू कर दी. एक तरफ मतदाताओं को आतंकियों का डर सता रहा है. वहीं, दूसरी तरफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई की मदद से बनाई गई गलत जानकारियां मतदाताओं में भ्रम पैदा कर रही हैं. दरअसल, कई मामलों में एकसाथ जेल की सजा काट रहे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान मतदाताओं को चुनावी रैली करते और भाषण देते हुए नजर आए हैं.
एआई के जरिये बनाई गईं जानकारियों के कारण मतदाता भ्रम में हैं कि क्या चुनाव से बाहर की गई पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ मैदान में है. ये कैसे संभव हो रहा है कि जेल में बंद इमरान खान चुनावी रैलियों में भाषण दे पाए. कैसे इमरान खान चुनाव अभियान में शिरकत कर पा रहे हैं? दरअसल, इमरान खान की पार्टी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जमकर इस्तेमाल किया है. इनमें इमरान खान को जेल की कोठरी से भाषण पढ़ते हुए दिखाया गया है. यही नहीं, वह समर्थकों से मतदान करने का अनुरोध करते हुए भी नजर आ रहे हैं. इसके अलावा उनकी पार्टी ने सोशल मीडिया पर ऑनलाइन रैलियां भी की हैं. पाकिस्तान के जियो टीवी के मुताबिक, इन ऑनलाइन रैलियों को एकसाथ हजारों लोगों ने देखा है.
50 लाख लोगों ने देखी इमरान की वर्चुअल रैली
पाटीआई के सोाल मीडिया प्रभारी जिब्रान इलियास ने बताया कि इमरान खान पर पाबंदियां लागू होने के बाद वह वर्चुअल रैलियों के जरिये ही आम मतदाता तक पहुंच सकते थे. इसलिए 17 दिसंबर 2023 को उनकी पार्टी पीटीआई ने स्ट्रीमयार्ड का इस्तेमाल कर वर्चुअल रैली की. इस रैली को 50 लाख लोगों ने देखा. पीटीआई ने इमरान खान का ऑडियो क्लिप बनाने के लिए भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया. इसे वर्चुएल रैलियों में भी चलाया गया है. चार मिनट लंबे भाषण में उनके पुराने भाषणों की क्लिप, वीडियो मोंटाज और हाथ से लिखे नोट्स दिखाए गए, जो इमरान खान ने जेल से अपनी टीम को भेजे थे. कुल मिलाकर इमरान खान की पार्टी ने पाकिस्तान के आम चुनावों में भ्रम के हालात बनाने के लिए एआई का जमकर इस्तेमाल किया.
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने चुनावी रैलियों में जेल से ही भाषण दिए.
इमरान ने एआई से वीडियो बनाकर लगाए आरोप
एआई की मदद से बनाए वीडियो में इमरान खान कहते हुए नजर आ रहे हैं कि उनकी पार्टी पीटीआई को चुनावी रैलियां करने से रोक दिया गया है. यही नहीं, पार्टी के सदस्यों और पदाधिकारियों को साजिशन निशाना बनाया जा रहा है. कुछ पार्टी मेंबर्स का अपहरण किया गया तो कुछ का मनोबल तोड़ने के काम किए गए. इलियास ने बताया कि ये वीडियो जेल में बंद इमरान खान की ओर से उपलब्ध कराए गए नोट्स पर आधारित है. उनके मुताबिक, एआई जेनेरेटेड वाइस पूर्व प्रधानमंत्री की आवाज से 70 फीसदी तक मेल खाती है.
शंका-भ्रम की स्थिति में रहेंगे ज्यादातर मतदाता
पाकिस्तान की डिजिटल राइट्स एक्टिविस्ट और वकील निगहत दाद ने कहा कि एआइ्र की मदद से बनाए गए कंटेट को लेकर मतदाताओं के मन में हमेशा एक शंका बनी रहेगी. वे यही तय नहीं कर पाएंगे कि जो वे देख या सुन रहे हैं, वो असली है या फर्जी. फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, निगहत दाद ने कहा कि इमरान खान आम चुनाव में प्रत्याशी नहीं हैं. वह अपनी पार्टी पीटीआई के लिए प्रचार कर रहे हैं. वहीं, उनके वीडियो में एआई के इस्तेमाल को लेकर डिस्क्लेमर भी दिया गया था. ऐसे में आम मतदाता के लिए ये तय करना नामुमकिन है कि सामग्री खुद इमरान खान ने उपलब्ध करवाई है या नहीं. ज्यादातर मतदाता भ्रामक जानकारी और वास्तविक सूचना में फर्क नहीं कर पाते हैं. इससे चुनाव को कहीं भी बैठकर प्रभावित किया जा सकता है.
भारत के लिए चिंता क्यों बना है चुनाव में एआई
पाकिस्तान के आम चुनाव में एआई और डीफेक्स का इस्तेमाल भारत, अमेरिका, रूस और इंडोनेशिया समेत कई देशों के लिए चिंता का विषय बन गया है. भारत में तो इसी साल आम चुनाव होने वाले हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2024 में फिर से राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने की योजना का ऐलान कर दिया है. हाल में एक सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनका साक्षात्कार उनके ही एक एआई क्लोन ने लिया था. कुछ समय पहले रिपब्लिकन नेशनल कमेटी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन पर निशाना साधने वाला एक एआई-जेनेरेटेड विज्ञापन साझा किया था. इसमें बताया गया था कि बाइडेन के दूसरे कार्यकाल में अमेरिका का नजरिये विनाशकारी होगा.
पाकिस्तान में नई सरकार के लिए आज वोटिंग जारी है.
मतदाताओं तक पहुंच में डाली जा सकती है रुकावट
ऑनलाइन कैंपेन की लाइव स्ट्रीम कई व्यवधानों के कारण बाधित हुई, जिससे चिंताएं और आरोप दोनों सामने आए. कहा गया कि सरकार निशाना साधने और किसी भ्ज्ञी विपक्षी दल की पहुंच को बाधित करने की कोशिश कर रही है. पाकिस्तान के सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने विपक्ष के अभियान को कथित तौर पर जानबूझकर दबाने के बारे में रॉयटर्स के एक सवाल को टाल दिया. उन्होंने कहा कि वह इस सवाल को देश के दूरसंचार नियामक या सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के पास भेज दें. इस घटना से ये भी साफ है कि अगर कोई पार्टी एआई के जरिये मतदाताओं तक पहुंच बनना चाहे तो उसमें रुकावट भी पैदा की जा सकती है.
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FIRST PUBLISHED : February 8, 2024, 17:16 IST