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नियम फ्रेम करने में देरी, सीएए 4 साल से पेंडिंग: कई बिल 15 साल से अटके; नियम तय करने की डेडलाइन निर्धारित करने की मांग

नई दिल्ली3 मिनट पहले

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संसद में विधेयक पारित कराने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच भारी खींचतान के शोर के बीच यह सच्चाई सामने नहीं आ पा रही कि कई एक्ट नियम फ्रेम होने के अभाव में अमल में नहीं आ पा रहे हैं।

नियम नहीं बनने के कारण दिसंबर 2019 में संसद में पारित सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) अब तक लागू नहीं हो पाया है। कई बिल 15 साल से अटके हुए हैं।

भास्कर ने विधेयकों के लागू होने पर नजर रखने वाली संसदीय कमेटी की रिपोर्टों की पड़ताल की। पता चला कि नियम फ्रेम करने की 6 महीने की अवधि का पालन करने में अधिकांश मंत्रालय पीछे हैं।

किसी भी एक्ट के नियम नहीं बनने को लेकर मंत्रालय के लिए बाध्यता है कि उन्हें वैध कारण बताकर संसद की सबऑर्डिनेट कमेटी से मोहलत मांगनी पड़ती है।

कमेटी कानून मंत्रालय से गुहार कर रही है कि बिल के नियम फ्रेम करने की समय सीमा और एक्सटेंशन निर्धारित किए जाएं।

कौन से बिल अटके

1. शहरी विकास मंत्रालय
स्ट्रीट वेंडर्स संरक्षण एक्ट-2014: इस विधेयक के बारे में मंत्रालय ने भरोसा दिलाया है कि अधिसूचना जारी करने के लिए वह कदम उठाएगा। मंत्रालय ने जानकारी नहीं दी कि नियम तय करने का काम पूरा क्यों नहीं हो पाया।

2. आयुष मंत्रालय
राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग एक्ट-2020, राष्ट्रीय इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन आयोग एक्ट-2020 की जानकारी नहीं दी। आयुर्वेद में शिक्षण एवं शोध संस्थान एक्ट-202 के नियम फ्रेम करने के लिए समय मांगा था।

3. अल्पसंख्यक मामला मंत्रालय
वक्फ संशोधन एक्ट-2013: कुछ राज्यों ने इसके नियम अभी तक फ्रेम नहीं किए हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने संसद से आखिरी बार इसके लिए अक्टूबर 2023 तक का समय मांगा था।

4. पेट्रोलियम मंत्रालय
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस रेगुलेटरी बोर्ड एक्ट-2006: मंत्रालय ने सूचित किया है कि इसके 8 नियम और 38 रेगुलेशन फ्रेम किए जा चुके हैं। यानी एक्ट अब भी आंशिक रूप से लागू हुआ है।

5. विधि एवं न्याय मंत्रालय
इंडिया इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर एक्ट-2019: आर्बिट्रेशन काउंसिल ऑफ इंडिया ही अस्तित्व में नहीं है। यह बिल संसद में लंबित है। यह एक्ट तब अमल में आएगा, जब काउंसिल के गठन का विधेयक पारित होगा।

6. उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट-2013: कम से कम 3 राज्यों दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड ने इसे लागू नहीं किया। इसे लागू करने की प्रक्रिया करीब 10 साल से लटकी हुई है।

शिक्षा मंत्रालय ने रूल्स फ्रेम नहीं होने लेकर जानकारी नहीं दी
बच्चों के लिए फ्री एवं अनिवार्य शिक्षा-संशोधन एक्ट-2019: शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि नेशनल पाठ्यक्रम का फ्रेमवर्क तैयार हो गया है और इसे जल्दी ही अंतिम रूप दिया जाएगा।

सिक्किम यूनिवर्सिटी एक्ट-2006: शिक्षा मंत्रालय ने सिक्किम यूनिवर्सिटी एक्ट के रूल्स फ्रेम किए जाने के बारे में फिलहाल कोई स्पेसिफिक जानकारी नहीं दी।

त्रिपुरा यूनिवर्सिटी-2006: मंत्रालय ने इसके रूल्स फ्रेम किए जाने के बारे में कोई स्पेसिफिक जानकारी नहीं दी।

आईआईएम एक्ट 2017: मंत्रालय ने इसके रूल्स फ्रेम किए जाने के बारे में कोई स्पेसिफिक जानकारी नहीं दी।

सेंट्रल संस्कृत यूनीवर्सिटीज एक्ट-2020: इसके नियम बनाने के लिए मंत्रालय ने समय मांगा है।

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