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दिल्ली जल बोर्ड केस में पहली चार्जशीट: ED ने कहा- जल बोर्ड ने ठेका देने में भ्रष्टाचार किया, AAP के इलेक्शन फंड में गई रकम

नई दिल्ली5 मिनट पहले

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दिल्ली जल बोर्ड केस में ED ने दिल्ली की स्पेशल प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट में चार्जशीट पेश की है। - Dainik Bhaskar

दिल्ली जल बोर्ड केस में ED ने दिल्ली की स्पेशल प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट में चार्जशीट पेश की है।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को दिल्ली जल बोर्ड केस में पहली चार्जशीट दाखिल की है। इसमें एक कंपनी और 4 लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि दिल्ली जल बोर्ड ने ठेका देने में भ्रष्टाचार किया। घूस की रकम आम आदमी पार्टी को इलेक्शन फंड के तौर पर दी गई।

दिल्ली जल बोर्ड केस में यह ED की पहली चार्जशीट है। इसे दिल्ली की स्पेशल प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट में पेश किया गया।

चार्जशीट में जल बोर्ड के पूर्व इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा, कॉन्ट्रेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल, NBCC इंडिया लिमिटेड कंपनी के पूर्व जनरल मैनेजर डीके मित्तल, NKG इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और तेजिंदर सिंह को आरोपी बनाया गया है।

6 फरवरी 2024 को ED ने AAP सांसद एनडी गुप्ता और बिभव कुमार के घर पर रेड की थी।

6 फरवरी 2024 को ED ने AAP सांसद एनडी गुप्ता और बिभव कुमार के घर पर रेड की थी।

केजरीवाल को नोटिस भेजा था, PA के घर छापा मारा
एजेंसी ने इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था, पर वो नहीं पहुंचे। ED ने केजरीवाल को शराब घोटाला केस में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था, वे अभी भी ED की कस्टडी में हैं।

ED ने जल बोर्ड केस में केजरीवाल के पर्सनल असिस्टेंट वैभव कुमार, AAP के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता, दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सदस्य शलभ कुमार, चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज मंडल और कुछ और लोगों के घर छापा मारा था।

38 करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट में CBI ने दर्ज की थी FIR
CBI ने भी इस मामले में एक FIR दर्ज की है, इसमें जगदीश अरोड़ा को आरोपी बनाया गया है। इसमें कहा गया है कि अरोड़ा ने जल बोर्ड का एक ठेका NKG इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दिया था। ये 38 करोड़ का ठेका था। CBI का आरोप है कि कंपनी तकनीकी तौर पर ठेका लेने के काबिल नहीं थी, इसके बावजूद उसे ठेका दे दिया गया। अरोड़ा को ED ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। कांट्रैक्टर अनिल अग्रवाल भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

ED दिल्ली जल बोर्ड के दो मामलों की जांच कर रही है…

मामला नंबर 1
CBI की FIR में आरोप लगाया गया था कि दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने NKG इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को करीब 38 करोड़ रुपए में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर के इंस्टॉलेशन, सप्लाई और टेस्टिंग का टेंडर जारी किया था।

जुलाई 2023 में ED ने दिल्ली-NCR, केरल और तमिलनाडु में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी और कुछ निजी संस्थाओं के अधिकारियों के 16 ठिकानों पर छापेमारी की। ED ने 24 जुलाई 2023 और 17 नवंबर 2023 को सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें कई अहम दस्तावेज और सबूत जब्त किए।

इस दौरान पता चला कि जो काम NKG इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दिया गया, वह उसके लिए टेक्निकल एलिजिबिलिटी को पूरा नहीं करती थी। NKG इंफ्रास्ट्रक्चर ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनाकर टेंडर हासिल किया। जगदीश कुमार अरोड़ा को इसकी जानकारी थी।

ED की जांच में सामने आया कि टेंडर मिलने के बाद NKG इंफ्रास्ट्रक्चर ने अनिल कुमार अग्रवाल की कंपनी इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड को भी भागीदार बनाया। अनिल कुमार अग्रवाल ने इसके बदले जगदीश कुमार अरोड़ा को कैश और बैंक खातों में लगभग 3 करोड़ रुपए दिए। कुछ कैश जगदीश कुमार अरोड़ा के एक करीबी को भी मिला।

ED को जगदीश कुमार अरोड़ा की कई बेनामी संपत्तियों की जानकारी भी मिली, जो जगदीश अरोड़ा अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से मैनेज कर रहा था।

मामला नंबर 2
दिल्ली जल बोर्ड के बिल पेमेंट के भुगतान के लिए जगह-जगह ऑटोमैटिक मशीन लगाई जानी थी। मशीन लगाई भी गई और बिल के भुगतान भी हुए, लेकिन ये पैसा दिल्ली जल बोर्ड के अकाउंट में कभी जमा नहीं हुआ।

मेसर्स फ्रेशपे आईटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स ऑरम ई-पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को पहले 3 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। समय-समय पर कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाया गया। इसके बावजूद कंपनी की तरफ से जल बोर्ड को कभी पेमेंट नहीं दिया गया।

जांच में ये भी सामने आया कि नोटबंदी के दौरान करीब 10 करोड़ 40 लाख का पेमेंट एक साथ किया गया, लेकिन वो भी जल बोर्ड तक नहीं पहुंचा। इस मामले में जल बोर्ड को करीब 14 करोड़ 41 लाख का घाटा हुआ। ये पैसा अभी भी कंपनी के पास बकाया है।

इंटरपूल एक्सचेंज के तहत केजरीवाल के पर्सनल सेक्रेटरी बिभव कुमार को दिल्ली जल बोर्ड का बंगला दिया गया था, जबकि वो सरकारी कर्मचारी नहीं हैं। इस मामले में 2023 में विजिलेंस ने पूछताछ शुरू की थी।

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केजरीवाल के मंत्री गहलोत ED दफ्तर पहुंचे: शराब घोटाले में पूछताछ के लिए एजेंसी ने समन भेजा था, पॉलिसी बनाने वाली टीम में थे

शराब नीति केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब उनके करीबी मंत्री कैलाश गहलोत को ED ने पूछताछ के लिए बुलाया है। गहलोत शनिवार को साढ़े 11 बजे ED दफ्तर पहुंचे। गहलोत नजफगढ़ से AAP के विधायक हैं। वे केजरीवाल सरकार में परिवहन, गृह और कानून मंत्री हैं।

ED ने शनिवार सुबह ही गहलोत को समन जारी किया था और उन्हें तत्काल पूछताछ के लिए अपने दफ्तर बुलाया था। गहलोत से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा है। पूरी खबर पढ़ें

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