नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले
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दिल्ली सरकार के समाज कल्याण के मंत्री राजकुमार आनंद ने बुधवार को मंत्री पद और आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा, ‘मुझे कहीं से भी ऑफर नहीं मिला।
उन्होंने कहा , ‘मैं आज बहुत व्यथित हूं। राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा। आप का जन्म भ्रष्टाचार के खिलाफ हुआ था। आप पर लग रहे आरोपों से आहत होकर इस्तीफा दे रहा हूं। पार्टी की भ्रष्टाचार की नीति से सहमत नहीं हूं। ED ने आनंद से जुड़े ठिकानों पर नवंबर 2023 में छापेमारी भी की थी।
AAP में दलित विधायकों या पार्षदों का कोई सम्मान नहीं
राजकुमार ने कहा कि AAP में दलित विधायकों या पार्षदों का कोई सम्मान नहीं होता है। दलितों को प्रमुख पदों पर जगह नहीं दी जाती है। मैं बाबा साहब अंबेडकर के सिद्धांत पर चलने वाला व्यक्ति हूं अगर दलितों के लिए ही काम नहीं कर पाया तो फिर पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है।
आनंद दिल्ली के पटेल नगर से विधायक हैं। वह जाटव समुदाय से आते हैं। राजेंद्र पाल गौतम के इस्तीफे के बाद साल 2022 में आनंद को केजरीवाल सरकार में मंत्री बनाया गया था। समाज कल्याण विभाग संभाल रहे राजेंद्र ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोपों के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
ईडी ने 22 घंटे छापेमारी की थी
पिछले साल नवंबर में ED ने कस्टम केस में 22 घंटे तक छापेमारी की गयी थी। उस दौरान राजकुमार ने कहा था. ‘ये हमें तंग करने के लिए आए थे। पूरे घर की तलाशी ली, जिसमें उन्हें कुछ नहीं मिला।
आनंद ने कहा था कि इस देश में सच बोलना, दलितों की राजनीति करना, काम की राजनीति करना गुनाह बन गया है। ED जो कस्टम का मामला बता रही है, वो बीस साल पुराना है और उसमें सुप्रीम कोर्ट तक का फ़ैसला आ चुका है।