Breaking
Mon. Dec 23rd, 2024

तमिलनाडु CM स्टालिन का I.N.D.I.A ब्लॉक के नेताओं को सुझाव: बोले- BJP के खिलाफ वोट बंटने नहीं चाहिए, एकता बनाए रखें

चेन्नई55 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

बिहार में चल रही सियासी उठपठक के बीच I.N.D.I.A ब्लॉक के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। महागठबंधन की पार्टियों के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग गले की फांस की तरह हो गया है। बंगाल में और पंजाब में AAP कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग के साफ इनकार कर चुकी हैं।

I.N.D.I.A ब्लॉक में चल रही खींचतान पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गठबंधन के नेताओं से कहा है कि BJP के खिलाफ वोट बंटने नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य BJP को सत्ता में वापस आने से रोकने का होना चाहिए। स्टालिन ने ये बात शुक्रवार को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में कही।

यहां लोकसभा सांसद थोल थिरुमावलवन की अध्यक्षता वाली VCK ने ‘डेमोक्रसी विल विन’ सम्मेलन का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में एमके स्टालिन, CPI महासचिव डी राजा, CPI (M) महासचिव सीताराम येचुरी और कांग्रेस नेता शामिल हुए थे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी इस सम्मेलन में पहुंचना था, लेकिन वे शामिल नहीं हो सके। तमिलनाडु में VCK, DMK की प्रमुख सहयोगी पार्टी है।

सम्मेलन में किसने क्या कहा?
एमके स्टालिन ने कहा कि ब्लॉक के नेताओं को यह महसूस करना होगा कि जब BJP चंडीगढ़ में मेयर चुनाव के स्तर पर भी विपक्षी गठबंधन की जीत की संभावना से घबरा गई है, I.N.D.I.A की एकता BJP को सत्ता से बेदखल कर देगी।

CPI (M) सीताराम येचुरी ने कहा कि तमिलनाडु BJP के खिलाफ लड़ाई में देश का नेतृत्व कर रहा है। I.N.D.I.A देश के गणतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्र सराकर धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य को फासीवादी हिंदुत्व राष्ट्र में बदलने में लगी हुई है। भारत की बेहतरी के लिए भारत को बचाना है।

CPI महासचिव डी राजा ने कहा कि संविधान का मसौदा तैयार करने में अंबेडकर के प्रयासों को याद किया और कहा कि अंबेडकर नहीं चाहते थे कि भारत हिंदुत्व राष्ट्र बने।

कांग्रेस अध्यक्ष और I.N.D.I.A ब्लॉक के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे नहीं पहुंचे, लेकिन उनका मैसेज पार्टी नेता सांसद सु थिरुनावुक्करासर ने सम्मेलन में रखा।

खड़गे ने कहा कि अंबेडकर ने धर्म और राजनीति में अंधभक्ति के खतरों को पहले ही भांप लिया था। आज जब हम एक ऐसे राष्ट्र की ओर बढ़ रहे हैं, जहां व्यक्तित्व अक्सर सिद्धांतों पर हावी हो जाता है, ऐसे में हम अंबेडकर के शब्दों का पालन करें। उनके तर्क, संवाद की राजनीतिक संस्कृति के लिए प्रयास करें।

बिहार में सियासी खींचतान जारी
इधर, बिहार में एक बार फिर 6 पार्टियों के गठबंधन वाली नीतीश कुमार की सरकार में फेरबदल की संभावना है। नीतीश अब BJP का दामन थामने की तैयारी में है। नीतीश I.N.D.I.A की भी हिस्सा हैं। ऐसे में उनका बीजेपी के साथ जाना I.N.D.I.A के लिए बड़ी समस्या खड़ा कर सकती है। बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं।

शुक्रवार को BJP नेता सुशील कुमार ने कहा था ‘हम पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं, जरूरत पड़ने पर उचित निर्णय लिया जाएगा। राजनीति में कोई भी दरवाजा परमानेंट बंद नहीं होता, जरूरत पड़ने पर दरवाजा खोला जा सकता है।’

TMC और AAP का सीट शेयरिंग से साफ इंकार
पश्चिम बंगाल में TMC लोकसभा चुनाव में गठबंधन में सीट बंटवारे के बिना अकेले सभी 42 सीटों पर उतरने का ऐलान कर चुकी है। पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाली AAP ने अब हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी सभी 90 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का कहा है।

हरियाणा में AAP के नेता सुशील गुप्ता ने कहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बात हुई है। हमारी स्थिति मजबूत है। हम गठबंधन और स्वतंत्र दोनों ही तरह से चुनाव में उतरने में सक्षम है। हम सभी 90 सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे। अंतिम फैसला पार्टी करेगी।

I.N.D.I.A में सीट शेयरिंग बड़ा मुद्दा बना हुआ है। साथ ही पीएम फेस को लेकर भी निर्णय नहीं किया गया है। जबकि, BJP ने 2023 में आम चुनावों में जीत हासिल करने के लिए बनाई गई रणनीतियों को क्रियान्वित करना शुरू कर दिया है।

यह खबर भी पढ़ें…

पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी TMC: ममता बोलीं- कांग्रेस ने सीट शेयरिंग का प्रस्ताव ठुकराया, I.N.D.I.A में बनी रहूंगी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 2024 लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा की है। ममता ने बुधवार को कहा- पश्चिम बंगाल में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस ने मेरा प्रस्ताव ठुकराया दिया। हम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेंगे। पूरी खबर पढ़ें…

नीतीश कुमार के लिए क्यों खुले BJP के दरवाजे: नीतीश को साधते ही बिखर जाएगा I.N.D.I.A; चुनौती- भाजपा कार्यकर्ताओं को भी खुश रखना

लोकसभा चुनाव में BJP के सामने सबसे बड़ी चुनौती नीतीश कुमार ही पेश कर रहे थे। विपक्ष के बिखरे कुनबे को एक मंच पर लाने का श्रेय नीतीश कुमार को जाता है। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…

Source link

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *