नई दिल्ली. पुलिस वैन से गिरकर घायल हुए व्यक्ति को 4 अस्पतालों द्वारा भर्ती करने से कथित तौर पर इनकार करने और उसकी मौत के कुछ दिनों के बाद दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (Delhi Medical Association) ने मंगलवार को कहा कि मामले में कार्रवाई का सामना कर रहे चार चिकित्सकों को ‘बलि का बकरा’ बनाया गया और ‘खामी व्यवस्था में’ है. डीएमए अध्यक्ष डॉ. अश्विनी डालमिया (Dr Ashwini Dalmiya) ने इस मामले की दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) से जांच कराने की मांग की है.
पुलिस के मुताबिक, नशे की हालत में 21 वर्षीय महिला से कथित तौर पर छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार 47 वर्षीय प्रमोद की चलती पुलिस वैन से कूदने के बाद लगी चोटों के कारण 3 जनवरी को मृत्यु हो गई थी. प्रमोद को बिस्तर या उपकरण की अनुपलब्धता का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार द्वारा संचालित 3 अस्पतालों सहित 4 सरकारी अस्पतालों ने कथित तौर पर भर्ती करने से इनकार कर दिया था.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने चार डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) के पास भेजा गया है. डीएमए (DMA) ने एक बयान में कहा, ‘‘किसी भी नागरिक को इलाज या इलाज तक पहुंच से वंचित नहीं किया जाना चाहिए.’’उसने कहा, ‘‘उपराज्यपाल/मुख्यमंत्री/स्वास्थ्य मंत्री/स्वास्थ्य सचिव (दिल्ली) के लिए यह उचित होगा कि वे डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराने के बजाय मौत की पूरी और सामूहिक जिम्मेदारी लेने के लिए आपस में निर्णय लें.’’
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डालमिया ने कहा कि मामले में कार्रवाई का सामना कर रहे चिकित्सकों को ‘बलि का बकरा’ बनाया गया है और ‘खामी’ प्रणाली में है. उन्होंने कहा कि हम दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) से जांच की मांग करते हैं. बता दें कि घायल व्यक्ति को अस्पतालों द्वारा इलाज के लिए भर्ती नहीं किया गया. ऐसे में उसकी मौत हो गई थी.
.
FIRST PUBLISHED : January 17, 2024, 06:51 IST