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क्‍या है Form 16, इनकम टैक्‍स रिटर्न भरने के लिए इतना जरूरी क्‍यों?

हाइलाइट्स

फॉर्म 16 में टीडीएस (TDS) का ब्‍योरा रहता है.
Form 16 2 हिस्‍सों में बंटा होता है.
टैक्‍स छूट के आधार पर इसे तीन भागों में बांटा जाता है.

नई दिल्‍ली. अप्रैल लगते ही इनकम टैक्‍स रिटर्न भरने की आपाधापी भी शुरू हो गई और नौकरीपेशा को अपनी कंपनियों से Form 16 का इंतजार बढ़ गया. हर कर्मचारी इसी उम्‍मीद में बैठा है कि कब कंपनी उन्‍हें Form 16 देगी और वे अपना रिटर्न भरकर पैसा वापस पा लेंगे. आखिर Form 16 क्‍या चीज है, जिसका इतना ज्‍यादा इंतजार रहता है और रिटर्न भरने के लिए इतना जरूरी है. इन सबसे जरूरी बात ये है कि क्‍या बिना Form 16 के भी आप आईटीआर भर सकते हैं.

एम्‍पलॉयी को अपनी कंपनी की ओर से मिलने वाला Form 16 एक ऐसा दस्‍तावेज होता है, जिसमें सैलरी से काटे गए सभी टीडीएस (TDS) का ब्‍योरा रहता है. इसमें नियोक्‍ता की ओर से कर्मचारी को मिली सैलरी और उस पर काटे गए टैक्‍स का ब्‍योरा होता है. इसके अलावा कर्मचारी की ओर से टैक्‍स बचाने के लिए दिए गए ब्‍योरे की डिटेल भी Form 16 में दी गई होती है.

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2 पार्ट में होती है डिटेल
Form 16 दो हिस्‍सों में बंटा होता है. इसमें से पार्ट ए में कर्मचारी की सैलरी से काटे गए टैक्‍स की जानकारी होती है, जिसे स्रोत पर टैक्‍स कटौती (TDS) कहते हैं. पार्ट बी में सैलरी से हुई टोटल कमाई और कर्मचारी की ओर से अपना टैक्‍स बचाने के लिए दिया गया ब्‍योरा शामिल होता है. इसीलिए आपने देखा होगा कि फॉर्म 16 हमेशा 2 पार्ट में रहता है.

3 तरह के होते हैं Form 16
ऐसा नहीं है कि Form 16 सिर्फ एक ही तरह का होता है. निवेश और टैक्‍स छूट के आधार पर इसे तीन भागों में बांटा जाता है. 16A टैक्‍स डिडक्‍टर की ओर से जारी किया जाता है, जैसे नियोक्‍ता अपने कर्मचारी को जारी करता है. Form 16B जब जारी किया जाता है, जब करदाता ने कोई प्रॉपर्टी खरीदी या बेची हो अथवा किराये से इनकम बटोरी हो. Form 16C ऐसे व्‍यक्ति को जारी किया जाता है, जो किराये का भुगतान करता है या फिर हिंदू अविभाज्‍य फैमिली (HUF) से आता हो.

क्‍या ITR भरने के लिए जरूरी है फॉर्म 16
ऐसा बिलकुल नहीं है. वैसे तो इनकम टैक्‍स की धारा 203 के तहत हर नियोक्‍ता को 15 जून से पहले फॉर्म 16 जारी करना जरूरी होता है, लेकिन आप बिना इसके भी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. इसके लिए आपको Form 26AS और एनुअल इन्‍फॉर्मेशन स्‍टेटमेंट (AIS) की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए आप सैलरी स्लिप और अपने निवेश डॉक्‍यूमेंट की मदद ले सकते हैं.

Tags: Business news in hindi, Income tax, Income tax exemption, Income tax return

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