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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता और द‍िल्‍ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्‍येंद्र जैन यूं तो अंतर‍िम जमानत पर काफी समय से जेल से बाहर है. द‍िल्‍ली हाईकोर्ट से न‍ियम‍ित जमानत याचिका खार‍िज होने के बाद सत्‍येंद्र जैन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मनी लॉन्‍ड्र‍िंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सत्‍येंद्र जैन की तरफ से सीन‍ियर एडवोकेट अभ‍िषेक मनु स‍िंघवी ने दलीलें रखी. वहीं प्रवर्तन न‍िदेशालय (ED) की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलीलें पेश की.

सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जमानत याचि का पर फैसला सुरक्ष‍ित रख ल‍िया है. हालांक‍ि यह अभी साफ नहीं है क‍ि कब तक सुप्रीम कोर्ट यह फैसला देगा. आपको बता दें क‍ि अगर सुप्रीम कोर्ट सत्‍येंद्र जैन की न‍ियम‍ित जमानत याचिका खार‍िज करता है तो ऐसी सूरत में उनकी अंतर‍िम जमानत याचिका भी खार‍िज हो जाएगी और उन्‍हें वापस जेल जाना होगा.

14 दिसंबर, 2023 को शीर्ष अदालत ने मामले में आप सरकार के पूर्व मंत्री जैन को चिकित्सा आधार पर दी गई अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई 2023 को चिकित्सा आधार पर जैन को अंतरिम जमानत दी थी और इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है. जैन ने मामले में उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के 6 अप्रैल, 2023 के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया. ईडी ने आप नेता को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धन शोधन के आरोप में 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था.

इस मामले की सुनवाई के दौरान जहां स‍िंघवी ने बार-बार यह दलील दी क‍ि मनी लॉन्‍ड्र‍िंग के मामले में उनका मुवक्‍क‍िल जैन का इस केस से कोई लेना-देना नहीं है और वह इस कंपनी जुड़ा हुआ नहीं है. वहीं ईडी ने दलीलें दी क‍ि वह इस कंपनी से जुड़ा रहा है और मनी लॉन्‍ड्र‍िंग के जरिए पैसा कमाया है.

जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ दर्ज सीबीआई एफआईआर के आधार पर गिरफ्तार किया था. जैन, जिन्होंने इन आरोपों से इनकार किया है. 6 सितंबर 2019 को सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा नियमित जमानत दी गई थी.

Tags: Delhi news, Money Laundering, Satendra Jain

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