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क्या चंपाई सोरेन सरकार को लेकर बेचैन हैं हेमंत सोरेन इसलिए पहुंचे हाईकोर्ट? जानिए याचिका में क्या कहा

हाइलाइट्स

बजट सत्र में भाग लेने के लिए हेमंत सोरेन पहुंचे हाई कोर्ट

रांची. जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को 23 फरवरी से शुरू हो रहे झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति ईडी कोर्ट द्वारा नहीं दिए जाने को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. बता दें कि ईडी की विशेष अदालत ने गुरुवार को हेमंत सोरेन को बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं दी थी. कोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका खारिज कर दी थी. हेमंत सोरेन की ओर से ईडी की विशेष अदालत में महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बहस की थी. उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया था कि बजट सत्र में मनी बिल पास होता है, इसलिए हेमंत सोरेन का रहना जरूरी है. बता दें कि झारखंड विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू होकर 2 मार्च तक चलेगा.

हेमंत सोरेन अभी ईडी की न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद हैं. इससे पहले हेमंत सोरेन को विश्वास मत के दौरान सदन की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति ईडी की विशेष अदालत से मिली थी. लेकिन, पीएमएलए कोर्ट से बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली है. इसके बाद हेमंत सोरेन की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में 23 फरवरी से शुरू हो रहे हैं झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति देने का आग्रह किया गया है. उन्होंने याचिका में पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत के फैसले को चुनौती दी है. जानकारी के अनुसार, हाई कोर्ट की जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में 23 फरवरी को सोरेन की याचिका पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है.

हेमंत सोरेन की ओर से याचिका में कहा गया है कि वह निर्वाचित प्रतिनिधि हैं और विधानसभा के सत्र में भाग लेने का उन्हें अधिकार है. विशेष अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है, जो सही नहीं है. बता दें कि हेमंत सोरेन ने बजट सत्र में शामिल होने के लिए विशेष अदालत में याचिका दायर की थी. सोरेन की ओर से उनके अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि 23 फरवरी से शुरू होने वाला बजट सत्र 2 मार्च तक चलेगा इस बीच 27 फरवरी को चंपई सोरेन सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव बजट पेश करेंगे. सत्र के दौरान मनी बिल पास करना होता है, जिसके लिए बहुमत की जरूरत पड़ती है, ऐसे में हेमंत सोरेन की उपस्थिति आवश्यक है.

वहीं, ईडी के अधिवक्ता ने विरोध करते हुए कोर्ट को बताया था कि जो व्यक्ति न्यायिक हिरासत में रहता है उनका संवैधानिक अधिकार सस्पेंड मोड में रहता है. यही वजह है कि हेमंत सोरेन को बजट सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. गौरतलब है कि पीएमएलए कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राजस्व निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद की न्यायिक हिरासत अवधि 7 मार्च तक बढ़ा दी है. गुरुवार को हेमंत सोरेन और भानु प्रताप प्रसाद की बिरसा मुंडा केंद्रीय कारक कारा होटवार से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मेल कोर्ट में पेशी कराई गई. दोनों की अगली पेशी अब 7 मार्च को होगी. अब देखने वाली बात है कि क्या हाईकोर्ट से हेमंत सोरेन को अनुमति मिलती है या नहीं.

Tags: Hemant soren

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