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नई दिल्ली46 मिनट पहले
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दिल्ली विधानसभा में फिलहाल बजट सत्र चल रहा है। यह सत्र 1 मार्च तक चलेगा।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली को लेकर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 20 फरवरी को AAP-कांग्रेस के कैंडिडेट कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया था। इसे लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (21 फरवरी) को विधानसभा में कहा- ऐसा लग रहा था जैसे सुप्रीम कोर्ट में भगवान कृष्ण मौजूद हैं और वे चीफ जस्टिस के जरिए फैसला सुना रहे हैं।
केजरीवाल ने कहा कि यह भगवान कृष्ण ही थे जिन्होंने भाजपा का असली चेहरा सबके सामने लाया। उन्होंने दावा किया कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश में बढ़ती तानाशाही के लिए एक कड़ा संदेश है।
केजरीवाल ने कहा- चंडीगढ़ में जैसी धांधली हुई है वैसी ही पाकिस्तान में भी हुई थी। भाजपा ने हमारे देश को पाकिस्तान बना दिया है। इसके अलावा उन्होंने भगवत गीता का जिक्र करते हुए कहा- राम, कृष्ण, शिव-पार्वती सभी भगवानों के भक्त हमारे देश के साथ हैं। भाजपा का अधर्म जल्द ही समाप्त होगा और देश में धर्म कायम होगा।
उधर, दिल्ली भाजपा चीफ वीरेंद्र सचदेवा ने कहा- केजरीवाल को अब शराब नीति केस में जेल जाने का डर सताने लगा है। केजरीवाल ने जब भगवत गीता का जिक्र किया तो हम सब चौंक गए। गीता में कृष्ण समझाते हैं कि लोग जैसा करते हैं, उन्हें वो ही भोगना पड़ता है। मैं चाहता था कि वे इसका भी जिक्र करते।
CCTV फुटेज 30 जनवरी का है। इसमें चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन के चुनाव अधिकारी अनिल मसीह बैलट पेपर्स पर निशान लगाते नजर आ रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, चंडीगढ़ में 30 जनवरी को मेयर का चुनाव हुआ था। इसमें पहली बार I.N.D.I.A. के तहत AAP और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। जिसमें एक सांसद और 35 पार्षदों ने वोटिंग की। वोटिंग के बाद चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने रिजल्ट की घोषणा की। इसमें भाजपा के कैंडिडेट मनोज सोनकर को 16 वोट मिले थे।
जिनमें 14 बीजेपी के पार्षद, एक चंडीगढ़ से बीजेपी की सांसद किरण खेर और एक वोट अकाली दल का शामिल था। वहीं आम आदमी पार्टी के 13 पार्षद और कांग्रेस के 7 पार्षदों ने वोटिंग की थी। मगर गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप को सिर्फ 12 ही वोट मिले। चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने गठबंधन कैंडिडेट के 8 वोट इनवैलिड करार दे दिए थे। इस पर AAP और कांग्रेस ने आरोप लगाया की मसीह ने इन वोटों पर निशान लगाकर इनवैलिड किया है।
इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को नोटिस दिया। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में डाले गए वोटों की दोबारा गिनती की जाए। अनिल मसीह ने जिन 8 बैलट्स पर निशान लगाए थे, उन सभी को वैध माना जाए। सभी बैलट्स की गितनी के आधार पर जीतने वाले कैंडिडेट का फैसला हो। इसके बाद AAP-कांग्रेस के कैंडिडेट कुलदीप कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने मेयर घोषित किया था।
CJI के ऑर्डर की 5 बातें
- नियमों के मुताबिक, वोटिंग के वक्त हर मेंबर को बैलट पेपर के दाहिनी ओर उस कैंडिडेट के सामने क्रॉस का निशान लगाना था, जिसे वो मेयर चुनना चाहते हैं।
- पूरा मामला 8 बैलट पेपर्स का है, जिन्हें अवैध करार दिया गया। इन सभी 8 बैलट में AAP कैंडिडेट का नाम ऊपरी हिस्से में और भाजपा कैंडिडेट का नाम नीचे था।
- जांच के बाद पता चला कि इन बैलट पेपर्स में AAP कैंडिडेट के पक्ष में वोट दिया गया था। चुनाव अधिकारी मसीह ने इन पर स्याही से निशान लगाया।
- चुनाव अधिकारी ने जानबूझकर 8 बैलट पेपर को खराब करने का काम किया। कोई भी बैलट खराब नहीं था।
- अपनी हरकत से उन्होंने (अनिल मसीह) मेयर इलेक्शन के नतीजों को बदल दिया। उन्होंने कोर्ट में लगातार झूठ बोला, जिसके लिए वो जिम्मेदार हैं।
केजरीवाल बोले- हम जीत छीन लाए
कोर्ट के फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था- लोकतंत्र को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला महत्वपूर्ण है। I.N.D.I.A की यह पहली जीत है। हम जीत को छीन कर लाए हैं। ये जीत बताती है कि एकता और अच्छी प्लानिंग से भाजपा को हराया जा सकता है। भाजपा ने फैसला चुराया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जनता के फैसले को सुरक्षित किया।