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केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर हमला बताया: सुप्रीम कोर्ट से कहा- विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करना सत्ताधारियों के लिए मिसाल बनेगा

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नई दिल्ली17 मिनट पहले

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केजरीवाल ने बुधवार (10 अप्रैल) को ED की गिरफ्तारी और रिमांड के फैसले को सही ठहराने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। - Dainik Bhaskar

केजरीवाल ने बुधवार (10 अप्रैल) को ED की गिरफ्तारी और रिमांड के फैसले को सही ठहराने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब नीति केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी गिरफ्तारी को लोकतंत्र के सिद्धांतों पर हमला बताया। केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने और उन्हें जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की।

केजरीवाल ने बुधवार (10 अप्रैल) को ED की गिरफ्तारी और रिमांड के फैसले को सही ठहराने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। दिल्ली सीएम ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में कहा लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद उनकी गिरफ्तारी बाहरी विचारों से प्रेरित थी।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा- ED ने लोकसभा चुनाव के बीच मुझे गिरफ्तार करके अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है। ऐसा करके न सिर्फ राजनीतिक विरोधियों की स्वतंत्रता पर हमला किया गया, बल्कि मेरी प्रतिष्ठा और आत्मसम्मान को भी धूमिल किया गया।

केजरीवाल की याचिका में कहा गया कि अगर याचिकाकर्ता (केजरीवाल) को लोकसभा चुनावों में भाग लेने के लिए तुरंत रिहा नहीं किया गया, तो चुनाव से पहले विपक्ष के नेताओं को झूठे आरोपों में गिरफ्तार करना सत्ताधारी पार्टियों के लिए एक मिसाल बन जाएगा।

केजरीवाल की ओर से एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार को कहा यह याचिका दिल्ली के मुख्यमंत्री के संबंध में है और अर्जेंट है। गिरफ्तारी का आधार ऐसे दस्तावेज थे, जिन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- हमें ई-मेल कर दीजिए, फिर हम देखेंगे।

9 अप्रैल को हाईकोर्ट ने कहा- अरेस्ट सही, ED ने पर्याप्त सबूत दिए
दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल को कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हमारे सामने पर्याप्त सबूत पेश किए। हमने बयानों को देखा, जो बताते हैं कि गोवा के चुनाव के लिए पैसा भेजा गया था।

हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि हमें संवैधानिक नैतिकता की फिक्र है, ना कि राजनीतिक नैतिकता की। मौजूदा केस केंद्र और केजरीवाल के बीच नहीं है। यह केस केजरीवाल और ED के बीच है। हाईकोर्ट ने कहा कि ED ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया। उसके पास हवाला ऑपरेटर्स और AAP कैंडिडेट के बयान हैं।

दिल्ली HC के दो बड़े बयान…

ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया

शराब नीति केस में दिल्ली सीएम को 21 मार्च को ED ने अरेस्ट किया था। ED ने 22 मार्च को केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा, जो बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ाई गई। 1 अप्रैल को कोर्ट ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था।​​​​​​ वह 11 दिनों से तिहाड़ जेल में बंद हैं।

शराब नीति केस में केजरीवाल को 9 समन भेजे गए थे
शराब नीति केस में केजरीवाल को गिरफ्तार करने से पहले ED ने 9 समन भेजे थे। इस साल 17 मार्च, 27 फरवरी, 26 फरवरी, 22 फरवरी, 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी और 2023 में 21 दिसंबर और 2 नवंबर को समन भेज गया था।

हालांकि, वे एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे। इसके बाद 21 मार्च को ED की टीम केजरीवाल के घर 10वां समन और सर्च वारंट लेकर पहुंची थी। केजरीवाल गिरफ्तार होने वाले पहले सिटिंग CM हैं। इससे पहले झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन को ED ने गिरफ्तार किया था। सोरेन ने ED की हिरासत में राजभवन जाकर इस्तीफा दिया था।

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