नई दिल्ली. बिहार में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच कांग्रेस (Congress) ने सफाई देते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार (Nitish kumar) विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के पीएम पद के उम्मीदवार बनना चाहते थे. इस बारे में कांग्रेस को आपत्ति नहीं थी और उसने 13 दलों को मना भी लिया था कि नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन के संयोजक हों. लेकिन पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इस पर नहीं मानीं. ममता बनर्जी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर दिल्ली की बैठक में पहले मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम पीएम पद के लिए उछाला तो तुरंत खड़गे और कांग्रेस ने इससे इनकार कर दिया.
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक इसके बाद जब खड़गे का ही नाम बाद में ‘इंडिया’ के चेयरपर्सन के लिए तय किया गया, तो भी कांग्रेस ने उसका ऐलान रोक दिया क्योंकि उस सूरत में नीतीश कुमार संयोजक बनने को तैयार नहीं थे. दरअसल ममता बनर्जी जातिगत जनगणना और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर अपने विरोध के चलते नीतीश कुमार की अगुवाई बिल्कुल नहीं चाहतीं थीं. नीतीश कुमार ने बिहार में जातिगत जनगणना करवाई थी.
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक विवाद तब और बढ़ा जब खड़गे का नाम उछाला गया तो नाखुश नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर ममता बनर्जी पर तंज कसा कि वो ब्राह्मण हैं, इसलिए वो तो इसका विरोध करेंगी ही, इसके बाद से ममता बनर्जी और नीतीश कुमार के मतभेद विपक्षी इंडिया गठबंधन के लिए समस्या बन गए. नीतीश कुमार को मनाने के लिए अब कांग्रेस तुरुप के इक्के के तौर पर सोनिया गांधी का इस्तेमाल कर सकती है. सोनिया गांधी नीतीश से फोन पर बात कर सकती हैं. वहीं लालू यादव के लगातार 5 बार फोन करने पर भी नीतीश ने उनका फोन नहीं उठाया है.
वहीं इस बात की अटकलें हैं कि कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी और जद-यू के संपर्क में हैं. बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार के इंडिया गठबंधन छोड़ने और राज्य में भाजपा के साथ फिर से जुड़ने की अफवाहों के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि नीतीश कुमार के बाहर निकलने से विपक्षी गठबंधन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
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FIRST PUBLISHED : January 26, 2024, 21:00 IST