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नई दिल्‍ली. विपक्षी गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग के मसले में सबसे तेजी के साथ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में समझौता होता हुआ दिखाई दे रहा है. लेकिन प्रभु श्रीराम मंदिर और इससे जुड़े मुद्दों पर दोनों ही दलों की रणनीति में दिन-रात का फर्क नजर आ रहा है. कांग्रेस ने जहां कहा कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है. लेकिन बीजेपी आरएसएस ने राम मंदिर कार्यक्रम को राजनीतिक प्रोजेक्ट बना दिया है. अधूरे मंदिर का उद्घाटन सिर्फ चुनावी फायदे के लिए किया जा रहा है. वहीं, आम आदमी पार्टी ने बिल्कुल विपरीत रणनीति अपनाते हुए ना केवल हर महीने के पहले मंगलवार को राजधानी दिल्ली में सुंदर कांड का पाठ करवा दिया, बल्कि गुजरात में तीन दिनों तक विशेष राम पूजा के कार्यक्रम भी रख दिए हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि 22 जनवरी प्राण प्रतिष्ठा के दिन भी दिल्ली में विशेष कार्यक्रम करवाए जाएंगे.

दरअसल आम आदमी पार्टी खुद को इस मामले में कांग्रेस के रूख के साथ खड़ा होते हुए नहीं दिखाना चाहती. पार्टी ने अब तक कांग्रेस से इस मसले पर बेहद अलग रुख अपनाया है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है. उससे पहले ही आम आदमी पार्टी ने 16 जनवरी को पूरी दिल्ली में सुंदर कांड का पाठ करवा दिया. पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल भी अपनी पत्नी के साथ रोहिणी के मंदिर में सुंदर कांड में शामिल हुए. अब खबर आई है कि पार्टी की गुजरात इकाई ने भी तीन दिनों के लिए विस्तृत कार्यक्रम तैयार कर लिए हैं. इन तीनों के दौरान पूरे राज्य में पार्टी कार्यकर्ता जनता के साथ राम धुन में शामिल होंगे. पार्टी की गुजरात अध्यक्ष ईसुदान गढवी ने बताया कि 20 जनवरी को गुजरात के सभी जिलों और महानगर पालिका में सुंदर कांड का पाठ आयोजित करवाया जाएगा. 21 जनवरी को आम आदमी पार्टी सूबे में जनता के साथ मिलकर रामधुन का आयोजन करवाएगी और 22 जनवरी प्राण प्रतिष्ठा के दिन राज्य के सभी जिलों में महाआरती का आयोजन और महाप्रसाद का वितरण करवाया जाएगा.

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आम आदमी पार्टी के सूत्रों का ये भी कहना है कि 22 जनवरी को दिल्ली के लिए भी विशेष कार्यक्रम की तैयारी की जा रही है. जिसके बारे में अगले दो-तीन दिनों में बताया जाएगा. मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत दिल्ली के लोगों को निशुल्क अयोध्या जी में राम लला के दर्शन करवाने की भी रणनीति तैयार की जा रही है. इस योजना के तहत अब तक 86 ट्रेन के जरिए दिल्ली के करीब  करीब 82 हजार बुजुर्गों को अलग अलग तीर्थस्थानों की यात्राएं करवाई जा चुकी है. पार्टी की ओर से बताया गया कि आने वाले दिनों में ज्यादा से ज्यादा लोग अयोध्य़ा जी दर्शन के लिए जाना चाहेंगे. इसे देखते हुए ही तैयारी की जाएगी. अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को बताया कि उन्हें अब तक 22 तारीख का औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है. लेकिन 22 के बाद वो अपने परिवार के साथ राम लला के दर्शन करने के लिए जाएंगे.

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धर्म को लेकर अरविंद केजरीवाल का अलग स्‍टैंड
विपक्ष के अधिकांश राजनीतिक दलों के नेताओं के विपरीत अरविंद केजरीवाल अपने धर्म और धार्मिक होने के बारे में छिपाने की कोशिश नहीं करते. वो अयोध्या में टेंट में राम लला के दर्शन करने भी गए थे और पूछे जाने पर टीवी चैनल पर हनुमान चालिसा का पाठ भी करते दिखाई दे चुके हैं.  वो कई बार खुद को प्रभु श्रीराम के भक्त हनुमान जी का भक्त भी बता चुके हैं. उनकी ये राजनीति अक्सर उनके विरोधियों को उन पर हमला करने का भी मौका देती है, फिर भी वो सार्वजनिक परहेज करने से नहीं बचते. बीजेपी जहां अरविंद केजरीवाल पर दिखावे की राजनीति करने का आरोप लगाती है तो असद्दुद्दीन ओवेसी उन्हें आरएसएस का छोटा रिचार्ज बताते हैं.

Tags: Aam aadmi party, All India Congress Committee, Arvind kejriwal, Ayodhya ram mandir, Mallikarjun kharge

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