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एक चौथाई युवा कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते: गांवों में 42.7 फीसदी युवाओं को अंग्रेजी सेंटेंस पढ़ना नहीं आता, रिपोर्ट में दावा

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नई दिल्ली3 मिनट पहले

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देश में 14 से 18 साल एज ग्रुप के 86.8 फीसदी बच्चे स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं। - Dainik Bhaskar

देश में 14 से 18 साल एज ग्रुप के 86.8 फीसदी बच्चे स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।

देश में 14 से 18 साल एज ग्रुप के 86.8 फीसदी बच्चे स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन इनमें से एक चौथाई युवा (25 फीसदी) अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में कक्षा-2 स्तर का पाठ नहीं पढ़ सकते हैं। वहीं गांवों में 42.7 फीसदी युवाओं को अंग्रेजी सेंटेंस पढ़ना नहीं आता।

बुधवार(17 जनवरी) को जारी एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (ASER) में यह कहा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में 14-18 वर्ष के 76.6 फीसदी बच्चे कक्षा-2 स्तर पाठ पढ़ सकते थे। 2023 में यह संख्या थोड़ी कम होकर 73.6 प्रतिशत हो गई।

रिपोर्ट बनाने के लिए 26 राज्यों के 1,664 गांवों में सर्वे किया गया।

रिपोर्ट बनाने के लिए 26 राज्यों के 1,664 गांवों में सर्वे किया गया।

रिपोर्ट ‘ASER 2023 बियांड बेसिक्स’ के अनुसार यह दावा गलत साबित हो गया है कि COVID-19 महामारी के दौरान आजीविका के संकट के चलते बड़ी संख्या में बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि

  • 18 साल या उससे अधिक उम्र के 32.6 फीसदी लोग किसी स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई नहीं कर रहे हैं।
  • 14 साल से कम उम्र के 3.9 फीसदी युवा पढ़ाई नहीं कर रहे, 16 साल के 10.9% फीसदी युवा कहीं पढ़ाई नहीं कर रहे।
  • 2010 में छह से 14 साल एज ग्रुप के 96.6 फीसदी बच्चे स्कूलों में पढ़ाई कर रहे थे। 2014 में 96.7 फीसदी, 2018 में 97.2 फीसदी, 2022 में 98.4 फीसदी बच्चे शिक्षा ले रहे थे।

आधे से अधिक ह्यूमेनिटीज स्ट्रीम में
रिपोर्ट के मुताबिक 14-18 वर्ष के आधे से अधिक (55फीसदी) स्टूडेंट्स ने ह्यूमेनिटीज (मानविकी) विषय को चुना है। कक्षा 11-12 के 55 फीसदी से अधिक स्टूडेंट्स ह्यूमेनिटीज को चुनते हैं, उसके बाद विज्ञान और वाणिज्य को विषय चुना है।

इसमें यह भी बताया गया कि लड़कों की तुलना में लड़कियां STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मेथ्स) स्ट्रीम में एडमिशन कम लेती हैं।

देश में केवल 5.6 फीसदी युवा वर्तमान में वोकेशनल (व्यावसायिक) ट्रेनिंग ले रहे हैं या अन्य संबंधित कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं।

अंकगणित में 2017 में 39.5 फीसदी युवा सरल (कक्षा 3-4 स्तर) भाग देने के सवाल हल कर सकते थे, जबकि 2023 में, यह अनुपात 43.3 फीसदी है। आधे से अधिक लोग भाग देने के सवाल हल नहीं कर सके। 14-18 साल के केवल 43.3 फीसदी बच्चे ही ऐसे सवालों को सही ढंग से हल कर सके। यह स्किल आमतौर पर कक्षा तीसरी-चौथी कक्षा में ही सीख ली जाती है।

26 राज्यों में किया गया सर्वे
रिपोर्ट बनाने के लिए 26 राज्यों के 28 जिलों में सर्वे किया गया। 1,664 गांवों को भी सर्वे में शामिल किया गया। 14 से 18 साल एज ग्रुप के कुल 34,745 स्टूडेंट्स का डेटा लिया गया। डेटा के आधार पर बनाई गई रिपोर्ट ग्रामीण भारत में बच्चों की स्कूली शिक्षा और सीखने की स्थिति का एक स्नैपशॉट प्रदान करता है। सर्वे में शामिल युवाओं को पांच प्रकार के कार्य दिए गए – बेसिक रीडिंग, गणित और अंग्रेजी एबिलिटी; रोजमर्रा की गणनाओं में बेसिक स्किल्स का यूज करना।

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