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उप-राष्ट्रपति बोले- अब पद्म पुरस्कार में पारदर्शिता आई: ये लोगों का अवॉर्ड बने, एक वक्त वो था जब इनमें इवेंट मैनेजमेंट और सरपरस्ती शामिल होती थी

गुवाहटी14 मिनट पहले

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ असम शीर्ष नागरिक पुरस्कार देने के लिए गुवाहाटी पहुंचे थे। - Dainik Bhaskar

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ असम शीर्ष नागरिक पुरस्कार देने के लिए गुवाहाटी पहुंचे थे।

उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि पद्म पुरस्कार दिए जाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है। धनखड़ ने कहा कि अब पद्मपुरस्कार लोगों के पद्म अवॉर्ड बन गए हैं। धनखड़ ने बिना किसी का नाम लिए कहा, “एक वक्त वो भी था, जब पद्म पुरस्कार दिए जाने की प्रक्रिया में इवेंट मैनेजमेंट और सरपरस्ती भी शामिल होती थी।”

उन्होंने कहा कि सरपरस्ती, दोस्ती या इवेंट मैनेजमेंट की वजह से मिला हुआ पुरस्कार असल में पुरस्कार नहीं है, क्योंकि इसकी कोई विश्वसनीयता नहीं रह जाती है।

धनखड़ मंगलवार को असम शीर्ष नागरिक पुरस्कार देने के लिए गुवाहाटी पहुंचे थे। अवॉर्ड सेरेमनी के दौरान धनखड़ ने कहा कि समाज की विविधता का प्रतिनिधित्व करने वाली 22 हस्तियों को बहुत पारदर्शी तरीके से राज्य का नागरिक सम्मान दिया गया है।

असम की 22 हस्तियों को किया गया सम्मानित

असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने विभिन्न क्षेत्रों की 22 हस्तियों को सम्मानित किया। राज्य का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘असम वैभव’ राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई को दिया गया। दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार ‘असम सौरभ’ से चार लोगों को सम्मानित किया गया, जबकि तीसरा सबसे बड़ा पुरस्कार ‘असम गौरव’ 17 लोगों को मिला।

धनखड़ ने कहा कि मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि क्षेत्र इतने विविध होंगे कि पुरस्कार हासिल करने वाले लोग समाज के हर वर्ग में फैले हुए होंगे।

106 लोगों को दिया गया पद्म पुरस्कार

साल 2023 में राष्ट्रपति ने 106 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी थी। इसमें 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री अवॉर्ड शामिल थे। पिछले साल 19 महिलाओं को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वहीं 7 लोगो को मरणोपरांत इस सम्मान के लिए चुना गया था।

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा भारत- धनखड़

धनखड़ ने कहा, “देश एक विकसित देश बनने की ओर बढ़ रहा है और जल्द ही दुनिया की दूसरी या तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। उन्होंने कहा कि हमारी 5000 साल पुरानी संस्कृति, जो हमें विरासत में मिली है, उसने हमें सिखाया है कि हमें ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए। हमें दुनिया को रास्ता दिखाना है। अब ऐसा हो गया है कि जो लोग हमें बहुत पहले राय देते थे, वे अब हमारी राय मांगते हैं। आज हम शीर्ष पांच में हैं, दो-तीन साल में हम शीर्ष तीन में पहुंच जाएंगे।”

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