हाइलाइट्स
इलेक्टोरल बॉन्ड्स राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग का तरीका था.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध लगा दिया है.
प्रतिबंध के बाद एससी ने एसबीआई से इससे जुड़ा डाटा मांगा था.
नई दिल्ली. इलेक्टोरल बॉन्ड्स पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से इससे संबंधित डाटा जमा करने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने बैंक से कहा था कि वह बताए कि यह बॉन्ड्स किसने और कितने के खरीदे हैं. एसबीआई ने 13 मार्च को यह डाटा जमा कर दिया था. इसके बाद इलेक्शन कमीशन ने इस डाटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. बैंक ने बताया है कि अप्रैल 2019 से लेकर 15 फरवरी 2024 तक 22,217 इलेक्टोरल बॉन्ड्स जारी किए गए थे. इसमें से 22,030 बॉन्ड्स को राजनीतिक दलों में रीडीम कर लिया था. वहीं, 187 बॉन्ड्स का पैसा पीएम रिलीफ फंड में डाल दिया गया था.
डाटा में इलेक्टोरल बॉन्ड्स खरीदने वाले संस्थानों व व्यक्तियों का भी नाम बताया गया है. इनमें से कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं- फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज – 1,368 करोड़ रुपये, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड – 966 करोड़ रुपये, क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड – 410 करोड़ रुपये, वेदांता लिमिटेड – 400 करोड़ रुपये, हल्दिया एनर्जी लिमिटेड – 377 करोड़ रुपये,, भारती ग्रुप – 247 करोड़ रुपये और एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड – 224 करोड़ रुपये.
अन्य खरीदार
वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन – 220 करोड़ रुपये, केवेंटर फूडपार्क इन्फ्रा लिमिटेड – 194 करोड़ रुपये, मदनलाल लिमिटेड – 185 करोड़ रुपये, डीएलएफ ग्रुप – 170 करोड़ रुपये, यशोदा सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल – 162 करोड़ रुपये, उत्कल एल्यूमिना इंटरनेशनल – 145.3 करोड़ रुपये, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड – 123 करोड़ रुपये, बिड़ला कार्बन इंडिया – 105 करोड़ रुपये, रूंगटा संस – 100 करोड़ रुपये, डॉ रेड्डीज – 80 करोड़ रुपये, पीरामल एंटरप्राइजेज ग्रुप – 60 करोड़ रुपये, नवयुग इंजीनियरिंग – 55 करोड़ रुपये, शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स – 40 करोड़ रुपये.
ये नाम भी शामिल
एडलवाइस ग्रुप – 40 करोड़ रुपये, सिप्ला लिमिटेड – 39.2 करोड़ रुपये, लक्ष्मी निवास मित्तल – 35 करोड़ रुपये, ग्रासिम इंडस्ट्रीज – 33 करोड़ रुपये, जिंदल स्टेनलेस – 30 करोड़ रुपये, बजाज ऑटो – 25 करोड़ रुपये, सन फार्मा लैबोरेटरीज – 25 करोड़ रुपये, मैनकाइंड फार्मा – 24 करोड़ रुपये, बजाज फाइनेंस – 20 करोड़ रुपये, मारुति सुजुकी इंडिया – 20 करोड़ रुपये, अल्ट्राटेक – 15 करोड़ रुपये और टीवीएस मोटर्स – 10 करोड़ रुपये. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर प्रतिबंध लगा दिया है.
(भाषा के डाटा इनपुट के साथ)
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FIRST PUBLISHED : March 14, 2024, 23:19 IST