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नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में इंटरडिजिटल के साथ चल रहे पेटेंट विवाद में देरी करके के लिए चीनी मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी ओप्पो पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. हाईकोर्ट ने चीनी कंपनी को अंतरिम सुरक्षा के रूप में सभी बकाया रॉयल्टी हाईकोर्ट में जमा करने का निर्देश दिया. अगर ओप्पो ब्याज वाले खाते में सिक्योरिटी की रकम जमा करने में विफल रहता है, तो इंटरडिजिटल भारत में ओप्पो के किसी भी अन्य डिवाइस की बिक्री पर रोक लगाने के लिए अदालत का रुख कर सकता है. हाईकोर्ट ने कहा कि ‘प्रतिवादी तीन महीने के भीतर इस अदालत के रजिस्ट्रार जनरल के पास वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 के लिए सभी पिछली बिक्री को कवर करते हुए xxxxxx xxxxxx की रकम जमा करेंगे. उस रकम को ऑटो-नवीनीकरण मोड पर ब्याज वाली सावधि जमा में रखा जाएगा.’

‘बार एंड बेंच’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने ओप्पो पर उसके आचरण और मामले में ‘बहुत देरी’ करने के लिए 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. अब इस मामले की सुनवाई में तेजी लाई गई है और 2024 में ही इसका समापन हो जाएगा. अगर दिसंबर 2024 तक किसी भी कारण से मामले का फैसला नहीं हो पाता है, तो ओप्पो को हाईकोर्ट में और ज्यादा रकम जमा करनी होगी. हाईकोर्ट की जज ने कहा कि ‘मुकदमों की सुनवाई अब 2024 में ही खत्म होगी. अगर किसी भी कारण से दिसंबर, 2024 तक मुकदमा खत्म नहीं होता है, तो प्रतिवादियों को 31 मार्च 2025 तक योग्य रजिस्ट्रार जनरल के पास xxxxxx xxxxxx की अतिरिक्त राशि जमा करनी होगी.’

लग सकती है ओप्पो की बिक्री पर रोक
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि ‘अगर ओप्पो रकम जमा करने में विफल रही तो इंटरडिजिटल को अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर करने का अधिकार देगी. अदालत के आदेशों का अनुपालन न करने के कारण, प्रतिवादियों पर भारत में किसी भी अन्य उपकरण की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश मांगा जा सकता है.’ हाईकोर्ट ने ओप्पो के खिलाफ इंटरडिजिटल द्वारा दायर दो मुकदमों में यह आदेश पारित किया, जिसमें पूर्व के सेल्युलर (3जी, 4जी और 5जी) के साथ-साथ वीडियो कोडिंग तकनीक (एचईवीसी) के कथित उल्लंघन का आरोप है.

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लंबे समय तक चली बातचीत विफल
बताया जाता है कि इस तकनीक का इस्तेमाल ओप्पो, रियलमी और वनप्लस ब्रांड के तहत हैंडसेट में किया जाता है. इंटरडिजिटल के मुकदमे के अनुसार वह उचित और गैर-भेदभावपूर्ण शर्तों पर लाइसेंस समझौते के लिए कई साल से ओप्पो समूह के साथ बातचीत कर रहा था. जब पार्टियों में कोई आम सहमति नहीं मिली, तो इंटरडिजिटल ने दिसंबर 2021 में यूके, जर्मनी, भारत आदि में ओप्पो समूह के खिलाफ एक बहु-क्षेत्राधिकार अभियान शुरू किया.

Tags: DELHI HIGH COURT, Mobile Phone, Oppo

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