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इलाहाबाद हाईकोर्ट से आजम खान-तंजीम फातिमा और अब्दुल्ला आजम को नहीं मिली राहत, जेल में ही रहेंगे

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट से पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान, पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका में दाखिल जमानत अर्जी पर फिलहाल कोई राहत नहीं मिली. अर्जी की सुनवाई की अगली तिथि 22 अप्रैल नियत की गई है. तीनों की तरफ से दाखिल पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में हुई. आजम खान व अन्य की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल , इमरानुल्ला खान तथा राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव और जेके उपाध्याय ने पक्ष रखा.

गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला आजम स्वार से विधायक चुने गए थे. प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी नवाब काजिम अली खां उर्फ नावेद मियां और बाद में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम की फर्जी जन्मतिथि की शिकायत की, जिसके बाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम का चुनाव रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली. अब्दुल्ला आजम के शैक्षिक प्रमाण पत्र में उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी 93 दर्ज है तो नगर निगम लखनऊ से जारी प्रमाणपत्र में जन्मतिथि 30 सितंबर 90 दर्ज है. आजम खान सहित तीनों के खिलाफ फर्जी जन्म प्रमाणपत्र तैयार करने के आरोप में केस दर्ज किया गया. एमपीएमएलए विशेष अदालत रामपुर ने सभी आरोपियों को सात-सात साल की कैद की सजा सुनाई, जिसके खिलाफ सत्र अदालत ने अपील खारिज कर दी, जिसे हाईकोर्ट में आपराधिक पुनरीक्षण याचिका में चुनौती दी गई है.

याचियों की ओर से उसी में अर्जी देकर जमानत पर रिहा करने की मांग की गई है. याचीगण की तरफ से तर्क दिया गया कि उन्होंने कोई फोर्जरी नहीं की है. जन्मतिथि के दो प्रमाणपत्र जारी होने से धारा 467के अंतर्गत केस नहीं बनता. दूसरे सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि चुनाव याचिका के आदेश को आपराधिक ट्रायल में आधार के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा. स्वतंत्र साक्ष्यों पर ट्रायल होगा, किन्तु विशेष अदालत ने इसकी अवहेलना करते हुए चुनाव याचिका के फैसले को सजा देने में आधार के रूप में स्वीकार किया है. यह भी बहस की गई कि फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने, हलफनामा तैयार करने में आजम खान की कोई भूमिका नहीं है. डॉक्टर के परीक्षण न करने को लेकर भी सवाल उठाए गए. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की बहस लगभग पूरी हो चुकी है. कोर्ट ने तीन घंटे की लंबी बहस के बाद अगली सुनवाई की तिथि 22 अप्रैल नियत की है.

Tags: Abdullah Azam, Azam Khan, Prayagraj News, UP news

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