देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बेटी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का बचपन इलाहाबाद में बीता था. जवाहर लाल नेहरू उनमें अपना बेटा देखते थे और उनकी हर मांग पूरी करते थे. उन्होंने कभी अपनी बेटी की इच्छा का विरोध नहीं किया था. जीवन में सिर्फ एक बार ऐसा हुआ कि ना सिर्फ उन्होंने बेटी इंदिरा की इच्छा विरोध किया, बल्कि खासे नाराज भी हुए. इसके बाद भी इंदिरा अड़ी रहीं और उन्होंने वही किया, जो वह करना चाहती थीं. इंदिरा गांधी की बायोग्राफी लिखने वाली पुपुल जयकर के साथ ही कई दूसरे लेखकों ने अपनी-अपनी किताबों में दावा किया है कि इंदिरा गांधी ने अपनी मां कमला नेहरू और पिता की इच्छा के खिलाफ फिरोज गांधी से शादी की थी.
पुपुल जयकर ने किताब में लिखा है कि फिरोज इंदिरा के जीवन में आने वाले पहले शख्स नहीं थे. इंदिरा जब पुणे में मैट्रिक करने के बाद शांतिनिकेतन में पढने गईं तो फ्रेंच पढ़ाने वाले जर्मन टीचर फ्रेंक ओबरडॉफ उनके प्यार में पड़ गए. पुपुल जयकर ने इंदिरा गांधी की बॉयोग्राफी में लिखा कि फ्रेंक 1933 में शांतिनिकेतन आए थे. रवींद्रनाथ टैगोर से उनकी मुलाकात 1922 में लैटिन अमेरिका में हुई थी. तब टैगोर ने उन्हें शांतिनिकेतन आने को कहा था. जब उन्होंने इंदिरा को फ्रेंच पढाना शुरू किया तब वह महज 16 साल की थीं. इंदिरा गांधी की सुंदरता पर मोहित फ्रेंक ले उनके आगे प्रेम प्रस्ताव रख दिया. पहले तो इंदिरा इस पर काफी नाराज हुईं. लेकिन, समय के साथ दोनों की नजदीकियां बढ़ गईं.
फिर अलग कैसे हुए इंदिरा और ओबरडॉफ
पुपुल जयकर लिखती हैं कि इंदिरा गांधी अपनी ज्यादातर बातें फ्रेंक ओबरडॉफ से साझा करने लगीं. वहीं, फ्रेंक लगातार उनकी सुंदरता की तारीफ करते रहते थे. इसी बीच रवींद्रनाथ टैगोर को इंदिरा और फ्रेंक की नजदीकियों के बारे में पता चल गया. उन्होंने सख्त फैसला लिया और इंदिरा गांधी को तत्काल वापस घर भेज दिया. बाद में जब आगे की पढ़ाई के लिए इंदिरा गांधी लंदन गईं तो वहां एक बार फिर उनकी मुलाकात फ्रेंक ओबरडॉफ से हुई. हालांकि, तब तक फिरोज गांधी उनके जीवन में आ चुके थे. दोनों के बीच गहरा प्रेम पनप चुका था, जिसमें किसी के लिए जगह नहीं थी. फ्रेंक ने इंदिरा गांधी को मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह फ्रेंक से लगातार रुखे तरीके से पेश आती रहीं.
पंडित नेहरू ही नहीं मां कमला नेहरू भी फिरोज गांधी से इंदिरा की शादी के खिलाफ थीं.
फिरोज को लेकर दुखी थीं मां कमला नेहरू
फिरोज गांधी इलाहाबाद के आनंद भवन में इंदिरा गांधी की मां कमला नेहरू की मदद के लिए वालिंटियर के तौर पर आते थे. कुछ ही समय बाद इंदिरा और फिरोज के अफेयर के चर्चे इलाहाबाद में आम हो गए. शुरुआत में जब फिरोज गांधी ने उनके सामने प्रेम प्रस्ताव रखा तो इंदिरा गांधी काफी नाराज हुईं. जवाहरलाल नेहरू के विशेष सचिव एमओ मथाई अपनी किताब ‘रिमिनिसेंसेज ऑफ द नेहरू एज’ में लिखते हैं, ‘इंदिरा ने उन्हें बताया कि जब फिरोज ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रखा तो वह चौंक गईं. उन्होंने प्रस्ताव को खारिज कर दिया. लेकिन, बाद में दोनों के बीच करीबी बढ़ी. पुपुल जयकर लिखती हैं कि निधन से एक महीने पहले मां कमला नेहरू को महसूस हुआ, उनकी बेटी इंदु गलती कर रही है. फिरोज के साथ अपनी बेटी के भविष्य को लेकर वह काफी दुखी थीं. बाद में उनकी आशंका सही साबित हुई और इंदिरा फिरोज में अलगाव हो गया.
राजनीति से दूर ही रहना चाहती थीं इंदिरा
पुपुल जयकर इंदिरा गांधी की जीवनी में लिखती हैं कि फिरोज के प्रेम में पड़ने के बाद वह राजनीति से दूर रहकर शादी करना और सादा जीवन बिताना चाहती थीं. फिर जब फिरोज गांधी से दूरियां बढीं तो इंदिरा गांधी ने राजनीति में पूरी तरह कदम रख दिया. इससे फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी के बीच मतभेद ज्यादा ही बढ़ने लगे. इंदिरा गांधी पति की बेवफाई से निराश थीं तो नेहरू भी फिरोज को बिलकुल पसंद नहीं करते थे. दोनों का वैवाहिक जीवन करीब-करीब खत्म हो गया था. लेखिका कैथरीन फ्रेंक ‘इंदिराः द लाइफ ऑफ इंदिरा नेहरू गांधी’ में लिखती हैं कि नेहरू परिवार पहले ही इंदिरा और फिरोज की शादी के सख्त खिलाफ था.
अलग क्यों हुए थे इंदिरा और फिरोज
कैथरीन फ्रेंक लिखती हैं कि शादी के बाद जल्द ही इंदिरा और फिरोज में खटपट शुरू हो गई थी. इंदिरा जब 1941 में गर्भवती थीं तो उन्हें पता लगा कि फिरोज किसी दूसरी महिला के साथ अफेयर में हैं. पति की बेवफाई ने रिश्तों में दूरी बढ़ानी शुरू कर दी. फिरोज बिंदास जीवन जीने में यकीन रखते थे. किताब में लिखा है कि इंदिरा से शादी के बाद भी फिरोज गांधी दूसरी महिलाओं से फ्लर्ट करते थे. महमूना सुल्तान के अलावा उनके रोमांटिक रिश्ते संसद की ग्लैमर गर्ल कही जाने वाली तारकेश्वरी सिन्हा और सांसद सुभद्रा जोशी से भी रहे. उनकी एक और गर्लफ्रेंड थी, जो नेपाली तलाकशुदा महिला थी और ऑल इंडिया रेडियो में काम करती थी. इन्हीं अफेयर्स के कारण इंदिरा और फिरोज में अलगवा हो गया.
लेखिका कैथरीन फ्रेंक और एमओ मथाई अपनी किताबों में इंदिरा गांधी के फिरोज गांधी से अलगाव के बाद के रिश्तों का दावा करते हैं.
फिर इंदिरा के जीवन में आए दो लोग
कैथरीन फ्रेंक अपनी किताब ‘इंदिराः द लाइफ ऑफ इंदिरा नेहरू गांधी’ में लिखती हैं कि इंदिरा गांधी के जीवन में फिरोज गांधी से अलगाव के बाद दो पुरुष आए. इनमें एक धीरेंद्र ब्रह्मचारी और दूसरे दिनेश सिंह थे. इंदिरा गांधी ने अपनी भरोसेमंद डोरोथी नार्मन को धीरेंद्र शास्त्री के बारे में लिखा था कि वह आकर्षक योगी हैं. वह उनसे योग सीख रही हैं. दिनेश सिंह पर भी वह बहुत भरोसा करती हैं. प्रधानमंत्री आवास में उनका किसी भी समय बेरोकटोक आना-जाना था. फ्रेंक लिखती हैं कि इंदिरा गांधी के साथ अपने अफेयर की चर्चा को शायद दिनेश सिंह ने खुद ही हवा दी थी.
मथाई इंदिरा से अफेयर का करते थे दावा
एमओ मथाई दावा करते थे कि इंदिरा गांधी का उनसे भी लंबे समय तक अफेयर रहा. उन्होंने अपनी किताब ‘रिमिनिसेंसेज ऑफ द नेहरू एज’ में ‘शी’ चैप्टर लिखा, जिसे प्रकाशित होने से रोक लिया गया. लेकिन, 80 के दशक में ये चैप्टर बाहर आया. अनुमान है कि इसे मेनका गांधी ने सार्वजनिक किया था. इंदिरा गांधी से अफेयर के मथाई के दावे की सच्चाई कभी पुख्ता नहीं हो पाई. हालांकि, ये बताया जाता है कि फिरोज गांधी मथाई से बहुत चिढ़ते थे. उन्होंने सेंट्रल हॉल में खुद कई सांसदों की मौजूदगी में कहा था कि नेहरू के असली दामाद तो मथाई हैं. कैथरीन फ्रेंक और मथाई दोनों लिखते हैं कि फिरोज अक्सर संसद में सांसदों के बीच मथाई को नेहरू का असली दामाद कहते थे. मथाई लिखते हैं कि 1948 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर ने मुझसे कहा, ‘मेरी मौजूदगी में फिरोज गांधी ने सेंट्रल हाल में सांसदों से कहा कि वह नहीं बल्कि मथाई प्रधानमंत्री के दामाद हैं.’
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Tags: Congress, Gandhi Family, Indira Gandhi, Jawaharlal Nehru, Love affairs
FIRST PUBLISHED : February 10, 2024, 14:33 IST