मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को एक बुजुर्ग शख्स से रातभर पूछताछ करने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को फटकार लगाई है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार एक 64 साल के बुजुर्ग शख्स से रातभर पूछताछ किया था. कोर्ट ने ईडी से कहा कि सोने का अधिकार एक बुनियादी मानवीय आवश्यकता है, जिसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता. ईडी ने अगस्त 2023 में इसरानी को गिरफ्तार किया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश रेवती मोहिते-डेरे और न्यायाधीश मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने कहा कि बयान रात में दर्ज नहीं किए जाने चाहिए. इस दौरान किसी भी व्यक्ति का दिमागी समझ कम हो जाती है. अदालत का यह आदेश 64 वर्षीय राम इसरानी की याचिका पर आया. उन्होंने धनशोधन मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी.
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इसरानी ने अपनी याचिका में कहा कि वह जारी किए गए समन पर सात अगस्त, 2023 को एजेंसी के सामने पेश हुए थे. उनसे पूरी रात पूछताछ की गई थी, तभी अगले दिन मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. पीठ ने याचिका खारिज कर दी लेकिन कहा कि वह याचिकाकर्ता से रात भर पूछताछ करने की प्रथा को अस्वीकार करती है. जांच एजेंसी के वकील हितेन वेनेगांवकर ने अदालत को बताया कि इसरानी ने रात में अपना बयान दर्ज कराने के लिए सहमति दी थी.
याचिका के अनुसार, ईडी अधिकारियों ने इसरानी से रात से तड़के सुबह तक पूछताछ की थी. अदालत ने कहा, ‘स्वैच्छिक हो या अन्यथा, हम उस तरीके की निंदा करते हैं, जिस तरीके से याचिकाकर्ता से इतनी देर रात तक बयान दर्ज किया गया, जो तड़के सुबह 3.30 बजे तक चला था.’
कोर्ट ने कहा कि सोने का अधिकार एक बुनियादी मानवीय आवश्यकता है और इससे वंचित करना व्यक्ति के मानवाधिकार का उल्लंघन है. अदालत ने कहा कि वह समन जारी होने पर ईडी को बयान दर्ज करने के समय के बारे में एक परिपत्र/दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश देना उचित समझती है. पीठ ने अब्जर्व करने के लिए मामले को नौ सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया है.
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Tags: Bombay high court, Directorate of Enforcement, Money Laundering Case
FIRST PUBLISHED : April 15, 2024, 22:40 IST