नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) के कथित अतिक्रमण से संबंधित मामले में तीखी बहस के बीच सोमवार दोपहर सुप्रीम कोर्ट में उस वक्त कुछ हंसी-मजाक भी देखने को मिला, जब भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी से कहा कि उन्हें इस मामले में राजनीतिक दल की ओर से पेश नहीं होना चाहिए था. सीजेआई ने सिंघवी से हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “इस मामले में आपको पेश नहीं होना चाहिए था. आप दिल्ली उच्च न्यायालय के लिए जमीन का विरोध नहीं कर सकते. आपको हमारा समर्थन करना चाहिए.”
उच्चतम न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) को यहां राउज एवेन्यू स्थित उसके कार्यालयों को खाली करने के लिए 15 जून,2024 तक का समय दिया है. अदालत ने पाया कि इस भूमि को न्यायिक अवसंरचना के विस्तार के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय को आवंटित किया गया था. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने आप से कहा कि वह अपने कार्यालयों के वास्ते भूमि के आवंटन के लिए भूमि एवं विकास कार्यालय (एल एंड डी ओ) से संपर्क करे.
पीठ ने कहा, “हम एल ‘एंल एंड डी ओ’ से आवेदन पर विचार करने और चार सप्ताह की अवधि के भीतर निर्णय करने का अनुरोध करेंगे.” पीठ ने कहा कि ‘आप’ के पास जमीन पर बने रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि आप देश की छह राष्ट्रीय पार्टियों में से एक है.
सिंघवी ने कहा, “वे हमें बता रहे हैं कि एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में हमें कुछ नहीं मिलता है. हमें बदरपुर में (जमीन) दी गई है, जबकि बाकी अन्य को बेहतर स्थानों पर जगह दी गई हैं.” अदालत ने कहा, “आसन्न आम चुनाव के मद्देनजर, हम परिसर खाली करने के लिए 15 जून, 2024 तक का समय देते हैं, ताकि जिला न्यायपालिका का विस्तार करने के लिए आवंटित भूमि का उपयोग शीघ्रता पूर्वक किया जा सके.”
शीर्ष अदालत ने इसके पहले दिल्ली सरकार और दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को राउज एवेन्यू में उच्च न्यायालय को आवंटित भूमि पर आप द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाने के लिए एक बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया था.
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FIRST PUBLISHED : March 4, 2024, 20:10 IST